Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वन विभाग में भर्ती के लिए अब नहीं नापी जाएगी महिलाओं की छाती, हरियाणा में रातों रात बदल गया ये नियम

    हरियाणा सरकार ने वन विभाग में महिलाओं की भर्ती के लिए शारीरिक माप परीक्षण (पीएमटी) में छाती का नाप लेने की अनिवार्यता को हटा दिया है। पिछले साल जुलाई में लागू की गई इस शर्त का विरोध हुआ था जिसके बाद सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। अब महिलाओं को पीएमटी के दौरान असहज स्थिति से नहीं गुजरना पड़ेगा।

    By Rajiv Mishra Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 27 Oct 2024 10:12 AM (IST)
    Hero Image
    वन विभाग में भर्ती के लिए नहीं नापी जाएगी महिलाओं की छाती (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब वन विभाग में भर्ती के लिए महिला अभ्यर्थियों की छाती नहीं नापी जाएगी। रेंजर-डिप्टी रेंजर सहित अन्य पदों के लिए महिलाओं के शारीरिक माप टेस्ट (पीएमटी) में छाती का नाप नहीं लिया जाएगा। पिछले साल जुलाई में वन विभाग में भर्ती के लिए सरकार ने महिला अभ्यर्थियों की छाती का सामान्य आकार 74 सेंटीमीटर और फुलाने पर 79 सेंटीमीटर छाती की शर्त जोड़ी थी, जिसे विरोध के चलते अब हटा दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नियमों में किया गया बदलाव

    पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए हरियाणा राज्य वन कार्यकारी शाखा ग्रुप-सी सेवा (संशोधन) नियम में बदलाव किया गया है। अब न सीधी भर्ती, न पदोन्नति और न ही स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति के मामलों में महिलाओं को पीएमटी के दौरान असहज स्थिति से गुजरना पड़ेगा।

    छाती की नाप लेने पर हुआ था विवाद

    पिछले साल 7 जुलाई को वन विभाग में रेंजर, डिप्टी रेंजर और अन्य पदों के लिए महिलाओं के पीएमटी में छाती का नाप लिया गया था, जिसके बाद विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस ने खूब हंगामा किया। इसी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा वन सेवा (कार्यकारी) ग्रुप सी नियम में बदलाव के आदेश जारी कर दिए थे, जिसमें महिला उम्मीदवारों की छाती का सामान्य आकार 74 सेंटीमीटर या फुलाकर 79 सेंटीमीटर की अनिवार्यता थी। अब नियमों में बदलाव से महिला अभ्यर्थियों को काफी राहत मिलेगी।

    यह भी पढ़ें- पीएम मोदी से मिले CM नायब सैनी, हरियाणा के विकास को देंगे डबल पावर; कहा- धान का दाना-दाना खरीदा जाएगा

    कांग्रेस ने बताया था तुगलकी फरमान

    हरियाणा की पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान ये नियम लागू किया गया था। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी कर महिला अभ्यर्थियों की छाती मापने की शर्त भी रखी गई थी। इसमें वन विभाग की भर्ती के लिए महिलाओं को 74 सेंटीमीटर और फुलाने पर 79 सेंटीमीटर छाती की शर्त थी। इसको लेकर कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा में जबरदस्त विरोध भी किया था।

    कांग्रेस ने इसको तुगलकी फरमान बताते हुए तुरंत वापस लेने की मांग की थी, जिसको सरकार ने अब वापस ले लिया है। पहले भी इन शारीरिक मानकों के आधार पर 22 महिला वन रक्षकों और चार महिला वनपालों की भर्ती की गई थी।

    विवाद होने के बाद तत्कालीन हरियाणा सरकार की ओर जारी किए बयान में कहा गया था कि ऐसी तमाम भर्तियां इन्हीं शारीरिक मानकों के आधार पर होती रही हैं।

    यह भी पढ़ें- हरियाणा में नहीं जाएगी कच्चे कर्मचारियों की नौकरी, पहले की तरह होती रहेंगी भर्तियां; CM नायब सैनी का एलान