हरियाणा: बढ़ोतरी के बावजूद जमीन की वास्तविक कीमतों से बेहद कम कलेक्टर रेट, किसानों को मिलेगा अब अधिक मुआवजा
हरियाणा में जमीन के कलेक्टर रेट में संशोधन किया गया है जो बाजार मूल्यों से अभी भी कम है। कई जगहों पर ज्यादा कीमत पर जमीन बिक रही है जिससे सरकार को नुकसान हो रहा है। कलेक्टर रेट बढ़ने से किसानों को अधिग्रहण पर ज्यादा मुआवजा मिल सकेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह कदम जनहित में उठाया गया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जमीन के कलेक्टर रेट (न्यूनतम कीमत, जिस पर जमीन की रजिस्ट्री होती है) में बढ़ोतरी को लेकर भले ही हाय-तौबा मची है, लेकिन वास्तविक बाजार कीमतों से यह अब भी बहुत कम है।
प्रदेश में कई स्थानों पर रजिस्टरी के लिए निर्धारित न्यूनतम शुल्क की तुलना में दोगुनी कीमत पर जमीन खरीदी और बेची जा रही है, जिसकी सीधी चपत सरकारी खजाने को लगती है। इतना ही नहीं, कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी से किसानों को अधिगृहीत जमीन के बदले मुआवजा भी अधिक मिल सकेगा।
कलेक्टर रेट में 150 प्रतिशत तक की वृद्धि के दावों के विपरीत अधिकतम बढ़ोतरी 50 प्रतिशत की गई है। कलेक्टर रेट में संशोधन एक नियमित प्रक्रिया है, जो हर साल बाजार मूल्य के आधार पर की जाती है।
यह बदलाव डेटा और तर्कसंगत फार्मूले पर आधारित है जिसमें हर क्षेत्र (सेगमेंट) की शीर्ष 50 प्रतिशत रजिस्ट्रियों का विश्लेषण किया जाता है, जहां लेन-देन की राशि कलेक्टर रेट से अधिक होती है। इसी आधार पर कलेक्टर रेट में संशोधन किया गया है।
खास बात यह कि 80 प्रतिशत से अधिक स्थानों पर केवल 10 से 15 प्रतिशत तक ही कलेक्टर रेट बढ़ा है। नई दरों के बाद भी अधिकतर स्थानों पर कलेक्टर रेट अब भी बाजार मूल्य से काफी कम हैं। कलेक्टर रेट में संशोधन से जहां पारदर्शी लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं काले धन पर भी प्रभावी रोक लगाने में सहायता मिलेगी।
साथ ही आमजन को वास्तविक और न्यायसंगत मूल्य पर संपत्ति के लेन-देन का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कहते हैं कि सरकार का यह कदम जनहित को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इसमें पारदर्शिता और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश सरकार हर कदम पर सच्चाई, विश्वास और सकारात्मक सोच के साथ आमजनता के साथ है
इस फार्मूले से कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी कलेक्टर रेट से अधिक बाजार कीमत -बढ़ोतरी 0–35 प्रतिशत -10 प्रतिशत 35–70 प्रतिशत -15 प्रतिशत 70–100 प्रतिशत -20 प्रतिशत 101–150 प्रतिशत -30 प्रतिशत 151–200 प्रतिशत -40 प्रतिशत 200 प्रतिशत से अधिक -50 प्रतिशत (अधिकतम)
प्वाइंट्स में समझें बढ़ोतरी का गणित
हरियाणा में कलेक्टर रेट के लिहाज से कुल 2,46,812 सेगमेंट थे
1,77,731 सेगमेंट (72.01%) 0 से 35% स्लाट में आए, जिनमें 10% की वृद्धि हुई 19,966 सेगमेंट (8.09%) 35 से 70% स्लाट में आए, जिनमें 15% की वृद्धि हुई
10,985 सेगमेंट (4.45%) 70 से 100% स्लाट में आए, जिनमें 20% की वृद्धि हुई
11,078 सेगमेंट (4.49%) 100 से 150% स्लाट में आए, जिनमें 30% की वृद्धि हुई 6,393 सेगमेंट (2.59%) 150 से 200% स्लाट में आए, जिनमें 40% की वृद्धि हुई 20,659 सेगमेंट (8.37%) 200% से ऊपर के स्लाट में आए, जिनमें 50% की वृद्धि हुई
कुछ प्रमुख स्थलों पर इस तरह बढ़े रेट
स्थान -भूमि का प्रकार -पंजीकृत विलेख के आधार पर ट्रांजेक्शन वैल्यू (रुपये) -कलेक्टर रेट के अनुसार मूल्य (रुपये) -पुराना कलेक्टर रेट (प्रति वर्ग गज) -अंतर (रुपये) -अंतर (%) -वृद्धि (%) -नया कलेक्टर रेट (प्रति वर्ग गज)
1. विजय विहार, गुरुग्राम -रिहायशी -78,75,000 -66,57,825 -58,190 -12,17,175 -18.29% -10% -64,009
2. झाडसा, गुरुग्राम रिहायशी -1,31,35,400 -85,12,248 -28,435 -46,23,152 -54.32% -15% -32,700
3. अब्दुल्लापुर, कालका (पंचकूला) -रिहायशी -1,38,75,000 -86,02,167 -45,000 -52,72,833 -61.29% -15% -51,750
4. सेक्टर 40, वजीराबाद (गुरुग्राम) -रिहायशी -17,00,25,000 -4,63,67,324 -1,20,000 -12,36,57,676 -266.60% -50% -1,80,000
5. गढ़ी जटान (करनाल) -कृषि -80,60,000 -68,77,500 -31,000,00 (प्रति एकड़) -11,82,500 -17.18% -10% -34,10,000 (प्रति एकड़)
6. ग्रीन विहार (जगाधरी) -व्यावसायिक -2,21,78,000 -1,96,72,720 -60,000 -25,85,780 -13.14% -10% -66,000
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