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    Haryana News: पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों का विशेष ट्रेनिंग सेंटर में होगा दाखिला, प्रदेश में 2.87 लाख बच्चे अभी भी शिक्षा से वंचित

    By Sudhir TanwarEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Sat, 25 Nov 2023 04:06 PM (IST)

    ड्रॉपआउट सर्वे में ये डाटा निकलकर सामने आया है कि प्रदेश में 2.87 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। प्रबंधन सूचना प्रणाली पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी जरूरी कर दिया है। इसके साथ ही 29 दिसंबर तक शिक्षक और एजुकेशन वालंटियर ऐसे बच्चों को चिन्हित करेंगे। साथ ही इन्हें विशेष ट्रेनिंग सेंटर में दाखिला दिया जाएगा। इस सर्वे के दौरान प्रवासी मजदूर और श्रमिकों पर ज्यादा फोकस रहेगा।

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    पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों का विशेष ट्रेनिंग सेंटर में होगा दाखिला।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पढ़ाई बीच में छोड़ चुके बच्चों को अब विशेष ट्रेनिंग सेंटर में दाखिल कराया जाएगा। ड्रॉपआउट सर्वे में चिन्हित बच्चों का प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल पर पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया है।

    परिवार पहचान पत्र के डाटा के अनुसार, दो लाख 87 हजार बच्चे अभी स्कूल नहीं पहुंचे हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जीरो ड्रॉपआउट लक्ष्य निर्धारित करते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को चिन्हित कर आगामी शैक्षिक सत्र में दाखिला दिलाया जाए। वर्तमान में प्रदेश भर में ड्रॉपआउट बच्चों का सर्वे चल रहा है। 29 दिसंबर तक शिक्षक और एजुकेशन वालंटियर शहर के हर वार्ड व मुहल्ले, गांव की प्रत्येक गली और ढाणी में पहुंचकर ड्रॉपआउट बच्चों का डाटा तैयार करेंगे।

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    22 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की बैठक में परिवार पहचान पत्र के डाटा के आधार पर स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की रिपोर्ट साझा की गई थी। इसमें दो लाख 87 हजार से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। सर्वे के दौरान इन बच्चों को चिन्हित कर एमआईएस पोर्टल पर विशेष ट्रेनिंग सेंटर (एसटीसी) श्रेणी में पंजीकृत कराया जाएगा और तुरंत ही इन्हें एसटीसी कक्षाओं में भेजा जाएगा।

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    ड्रॉपआउट बच्चों को विशेष ट्रेनिंग सेंटर में मिलेगा दाखिला

    बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा 20 नवंबर से ड्रॉपआउट बच्चों का सर्वे शुरू किया गया है। स्कूल स्तर पर शिक्षक और वालंटियर घर-घर जाकर छह से 14 आयु वर्ग और 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों का डाटा तैयार करने में जुटे हुए हैं। सर्वे के दौरान ज्यादा फोकस प्रवासी और श्रमिक परिवारों पर रहेगा, जिन्हें शिक्षा की राह पकड़वानी है। इसके साथ ही एससी व एसटी वर्ग के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चे, भिखारी, अनाथ, बेघर सहित आदिवासी समूहों की आबादी के बच्चों को भी विशेष ट्रेनिंग सेंटर में दाखिला दिलाया जाएगा।

    सभी जिलों में एडीसी को सौंपी कमान

    शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए ड्रॉपआउट बच्चों के सर्वे का नोडल अधिकारी एडीसी को नियुक्त किया गया है। ड्रॉपआउट सर्वे के लिए ग्राम पंचायत और सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। शिक्षक और एजुकेशन स्वयं सेवकों द्वारा एकत्रित किए गए ड्राप आउट बच्चों का डाटा सरपंच या फिर विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा सत्यापित किया जा रहा है। इसके साथ ही परिवार पहचान पत्र के डाटा के साथ भी मिलान किया जा रहा है।

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