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    हरियाणा में बढ़े कलेक्टर रेट को कैबिनेट की मंजूरी, NCR में बढ़े अधिक रेट; सोमवार से जमीन की रजिस्ट्री महंगी

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 10:37 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने प्रदेश में जमीन के नए कलेक्टर रेट को मंजूरी दे दी है जिसके बाद सोमवार से रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में यह फैसला लिया गया। नए रेट 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे और इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। रजिस्ट्री कराने वालों पर बढ़े हुए रेट का असर होगा।

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    हरियाणा में बढ़े कलेक्टर रेट को कैबिनेट की मंजूरी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में जमीन के नये कलेक्टर रेट को मंजूरी प्रदान कर दी है। नई दरों के अनुसार प्रदेश की तहसीलों में सोमवार से रजिस्ट्री शुरू होंगी।

    प्रदेश में कलेक्टर रेट को संशोधित करने के लिए चल रही प्रक्रिया के दौरान पिछले चार दिनों से रजिस्ट्रियां बंद हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक में नई दरों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

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    मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अगले दो से तीन दिनों में नये रेट को साफ्टवेयर में अपडेट किया जाएगा। इसके चलते सोमवार से नये संशोधित रेट के आधार पर प्रदेश में जमीन के पंजीकरण होंगे। प्रदेश में कुल 93 तहसीलों और 50 उप तहसीलों में रजिस्ट्री कराने वालों पर नये बढ़े हुए रेट से अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

    कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी से सरकार को इस वित्त वर्ष में सात से 12 प्रतिशत तक अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में स्टांप शुल्क सात प्रतिशत है जबकि महिलाओं के लिए यह फीस पांच फीसदी लगता है।

    फिलहाल प्रदेश के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के निकट वाले जिलों के कई क्षेत्रों में कलेक्टर रेट में कई गुणा अधिक वृद्धि हुई है। नये कलेक्टर रेट एक अगस्त 2025 से 31 मार्च 2026 तक लागू होंगे। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के दौरान कुछ माह के लिए कलेक्टर रेट बढ़ाए गए थे।

    उस समय विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया था। इसके बाद नियमित औसतन पांच प्रतिशत से लेकर कुछ क्षेत्रों में 80 प्रतिशत तक कलेक्टर रेट के दामों में वृद्धि की गई थी। बीते वर्ष दिसंबर में भी कलेक्टर रेट में 10 से 58 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई थी।

    ये है संभावित बढ़ोतरी

    शहर शहरी क्षेत्र (बढ़ोतरी) ग्रामीण क्षेत्र (बढ़ोतरी) हिसार 10 से 50 प्रतिशत 41 फीसदी तक सिरसा 98 फीसदी तक 89 फीसदी तक फतेहाबाद 9 से 133 प्रतिशत 50 प्रतिशत तक भिवानी 15 से 20 फीसदी तक 20 प्रतिशत तक गुरुग्राम 77 फीसदी तक 120 प्रतिशत तक बादशाहपुर 50 प्रतिशत तक फरीदाबाद 30 फीसदी तक 34 फीसदी तक पंचकूला 50 प्रतिशत तक झज्जर 23 फीसदी तक 19 प्रतिशत तक नूंह 59 प्रतिशत तक पानीपत 30 प्रतिशत तक 50 प्रतिशत तक