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    हरियाणा में जमीन की खरीद-फरोख्त में अब नहीं चलेगी मनमानी, नायब सरकार ला रही है नया नियम; घर बैठे करा सकेंगे रजिस्ट्री

    हरियाणा सरकार जमीन की खरीद-फरोख्त में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक नया नियम लागू करने जा रही है। इस नियम के तहत अगर प्लॉट के खरीदार निश्चित समय में जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराते हैं तो उन्हें मौजूदा कलेक्टर रेट पर स्टांप शुल्क देना होगा। यह कदम सरकार को स्टांप ड्यूटी के नुकसान को रोकने में मदद करेगा।

    By Sushil Kumar Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 22 Mar 2025 09:15 PM (IST)
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    हरियाणा में जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगेगी रोक।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में रजिस्ट्री कराये बगैर ही जमीन की खरीद-फरोख्त का 'खेल' अब बंद होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार नया नियम लागू करने जा रही है। प्लॉट के खरीदार अगर निश्चित समय में जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराते हैं तो उन्हें मौजूदा कलेक्टर रेट पर स्टांप शुल्क देना होगा।

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    राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने गलत तरीके से जमीन की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए मसौदा तैयार कर लिया है। नए नियम को जल्द ही लागू किया जाएगा।

    शहरों के बाहरी क्षेत्रों में जमीन की रजिस्टरी में कई तरह के पेंच फंसे होने के कारण डेवलपर्स, बिल्डर्स और सोसायटियां खरीदार को अपनी पुस्तकों में प्लॉट का हस्तांतरण कर कब्जा दे देते हैं, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करवाते।

    इससे सरकार को स्टांप ड्यूटी का नुकसान होता है। अब इस तरह की सभी अचल संपत्तियों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। अगर खरीदार निश्चित समय सीमा में प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं कराता है तो उससे मौजूदा कलेक्टर रेट के अनुसार स्टांप शुल्क लिया जाएगा।

    पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर रजिस्ट्री कराने की सुविधा

    वहीं, सभी तहसीलों में आधुनिक पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर रजिस्ट्री कराने की सुविधा भी मिलेगी। इससे घर जमीन की रजिस्ट्री के लिए आवेदन किया जा सकेगा। प्रदेश की एक-एक इंच जमीन के ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है। सभी गांवों में राजस्व रिकॉर्ड को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है। इससे जमीन मालिकों को बड़ी राहत मिली है। उन्हें अब परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। 

    ततीमा (जमीन से जुड़ी जानकारी का दस्तावेज, जिसमें खसरा नंबर, मलकीयत, विक्रय मूल्य, चौहद्दी और रकबा दर्ज होता है) काटकर सॉफ्टवेयर के माध्यम से राजस्व रिकार्ड और शजरे (जमीन का नक्शा, जो भूमि की भौगोलिक स्थिति आकार और विभाजन को दर्शाता है) को अपडेट करने के लिए सभी 22 जिलों के 10-10 गांवों में पायलट पर पटवारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

    राजस्व रिकॉर्ड अपने आप अपडेट होता रहेगा

    अन्य सभी गांवों में यह कार्य नए वित्तीय वर्ष में पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में राजस्व रिकॉर्ड अपने आप अपडेट होता रहेगा। जमीन की निशानदेही का काम जरीब विधि की बजाय रोवर के माध्यम से किया जाएगा। इससे कम समय में और कम कीमत पर प्रामाणिक निशानदेही सुनिश्चित होगी।

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