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    हरियाणा के शहरों में महंगा हुआ फ्लैट या मकान लेना, EDC में बढ़ोतरी से जमीन लेने वालों की जेब पर सीधा असर

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 06:20 PM (IST)

    Haryana Property Price हरियाणा के शहरों में मकान फ्लैट और प्लॉट खरीदना अब और महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। हर साल अप्रैल में ईडीसी में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। बिल्डर और डेवलपर इस बढ़े शुल्क का बोझ खरीदारों पर डालेंगे जिससे आवास परियोजनाओं के दाम बढ़ने तय हैं।

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    हरियाणा के शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में हुआ इजाफा

    राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा के शहरों में अब मकान-फ्लैट और प्लॉट अब और महंगे होंगे। कारण यह कि प्रदेश सरकार ने आठ साल बाद बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) में एक साथ 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।

    इतना ही नहीं, आधार दरें तय होने तक हर साल अप्रैल में ईडीसी में दस प्रतिशत की वृदि्ध होगी। बिल्डर और डेवलपर इस बढ़े शुल्क का बोझ खरीदारों पर डालेंगे, जिससे आवास परियोजनाओं के दाम बढ़ने तय हैं।

    ईडीसी को लेकर नोटिफिकेशन जारी

    नगर एवं आयोजना विभाग के निदेशक अमित खत्री ने बढ़ी हुई ईडीसी को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। ईडीसी वसूली के लिए पूरे हरियाणा को छह जोन में बांटा गया है, जबकि पंचकूला में अलग से दरें निर्धारित की गई हैं।

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    हाईपर पोटेंशियल जोन में शामिल गुरुग्राम और हाई पोटेंशियल जोन-1 क्षेत्र में शामिल फरीदाबाद, सोहना और ग्वाल पहाड़ी क्षेत्र में सर्वाधिक ईडीसी देनी होगी। सोनीपत-कुंडली और पानीपत को हाई पोटेंशियल जोन-2 में रखा गया है, जहां अपेक्षाकृत कम ईडीसी चुकानी होगी।

    8 वर्ष से ईडीसी में नहीं हुआ था बदलाव

    अभी तक प्रदेश में वर्ष 2015 की पॉलिसी के तहत ईडीसी की वसूली हो रही थी। इसकी दरों में आठ वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया था। ईडीसी बढ़ाने से मिलने वाले अतिरिक्त राजस्व को संबंधित क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा।

    आर्थिक जोन में विकास को बढ़ावा देने के लिए गुरुग्राम जिले के पटौदी, हेलीमंडी, फरुखनगर को लो पोटेंशियल जोन से निकालकर मीडियम पोटेंशियल जोन में शामिल कर लिया गया है। राज्य में ईडीसी दरों की गणना के लिए इंडेक्सेशन नीति में बदलाव किया गया है।

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    हर साल 10 फीसदी की होगी बढ़ोतरी?

    भविष्य में आधार ईडीसी दरों को निर्धारित करने के लिए एक सलाहकार को नियुक्त किया जाएगा। जब तक आधार ईडीसी दरें निर्धारित नहीं हो जातीं, तब तक हर साल एक अप्रैल से 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रभावी रहेगी।

    इससे पहले वित्त मंत्री, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री की मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों पर इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के तहत ईडीसी की दरें तय की गई थीं।

    वर्ष 2018 में सरकार ने गुरुग्राम और रोहतक सर्किल की ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य आइआइटी दिल्ली और फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार सर्किल के लिए आइआइटी रुड़की को सौंपा था। दोनों संस्थानों ने ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण आज तक वही इंडेक्सेशन नीति और ईडीसी दरें जारी रहीं।

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