Chandigarh News: छह साल से HC के चक्कर काट रहे बॉक्सर मनोज कुमार, सरकार से मांगा खेल कोटे से भर्ती हुए DSP का रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने डीएसपी नियुक्त न किए जाने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मुक्केबाज मनोज कुमार अर्जुन अवार्डी और राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडलिस्ट बॉक्सर हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें इंस्पेक्टर की नौकरी की पेशकश की गई जबकि उनके साथ के खिलाड़ियों को डीएसपी बनाया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने जानकारी देने का आदेश दिया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अर्जुन अवार्डी तथा राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडलिस्ट बॉक्सर मनोज कुमार को डीएसपी नियुक्त न करने के एक मामले में मांगी गई जानकारी देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सुनवाई चार जुलाई तक स्थगित कर दी है।
मनोज कुमार ने दायर याचिका में कही ये बात
एक सुनवाई के दौरान मनोज की तरफ से कोर्ट को एक सूची देकर बताया गया कि उसे केवल इंस्पेक्टर की नौकरी का पेशकश की गई जबकि उससे कम या बराबर वालों को डीएसपी या उच्च पद पर नियुक्ति दी गई। इस पर कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वो पूर्ण विवरण के साथ उस रिकॉर्ड को पेश करें जिसमें मनोज को इंस्पेक्टर की नौकरी की पेशकश के बाद खेल कोटे से डीएसपी नियुक्त किए गए थे। हाई कोर्ट ने यह आदेश मनोज की डीएसपी की नौकरी देने की मांग पर दिया।
पिछले छह साल से मामला विचाराधीन
हाई कोर्ट में यह मामला पिछले छह साल से विचाराधीन है। पहले यह मामला हरियाणा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के गठन के कारण सेवा मामले ट्रिब्यूनल को देने और बाद में कोरोना के चलते सुनवाई नहीं हो पाई। इस मामले में अधिकारियों के नकारात्मक रवैये पर हाई कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर यह राशि मनोज कुमार को देने का आदेश भी दिया था।
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हरियाणा सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप
मनोज कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने उसके साथ भेदभाव करते हुए खेल कोटे से डीएसपी के तौर पर नियुक्ति न देते हुए इंस्पेक्टर बनाने की पेशकश की थी। उसने कई मंचों पर अवॉर्ड व पदक पाकर देश का नाम रोशन किया है। उनके नाम पर अर्जुन अवॉर्ड है और वे 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल भी पा चुके हैं।
खेल नीति के तहत दिया जाना चाहिए डीएसपी पद
याचिकाकर्ता ने कहा कि खेल नीति के तहत उन्हें डीएसपी का पद दिया जाना चाहिए था क्योंकि वे ग्रेजुएट हैं, जबकि उन्हें इंस्पेक्टर का पद देने की पेशकश की गई। याचिका में बताया गया कि उनसे पूर्व ममता सौदा, जोगिंदर शर्मा, जितेंद्र कुमार, संदीप सिंह, सुरेंद्र कौर, सरदार सिंह और गीता जाखड़ को डीएसपी बनाया गया है। यदि उनको डीएसपी नहीं बनाया जाता है तो यह उनके साथ अन्याय होगा।
अदालत का चक्कर लगाने पर मजबूर खिलाड़ी
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा था कि देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी हक के लिए अदालतों के चक्कर लगाने को मजबूर क्यों हैं और आखिर क्यों खिलाड़ियों को नौकरी देते हुए भेदभाव हो रहा है।
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