टिकट कटने पर बागी हुए नेताओं की BJP में होगी वापसी, शहरी निकाय चुनाव में मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
हरियाणा में होने वाले शहरी निकाय चुनावों में बीजेपी उन नेताओं की घर वापसी की राह खोलने जा रही है जो विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद बागी हो गए थे। हालांकि पार्टी उन्हें कोई बड़ी ओहदेदारी नहीं देगी। दूसरी ओर पार्टी ने स्पष्ट संदेश देना शुरू कर दिया है कि शहरी निकाय चुनाव के बाद ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बोर्ड एवं निगमों में चेयरमैनी मिल सकेगी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शहरी निकाय चुनाव में भाजपा अब उन नेताओं की घर वापसी की राह खोलने जा रही है, जो विधानसभा चुनाव में टिकट कटने पर बागी हो गए थे। हालांकि, पार्टी उन्हें बड़ी ओहदेदारी नहीं देगी।
दूसरी ओर पार्टी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देना शुरू कर दिया है कि शहर निकाय चुनाव के बाद के बाद ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बोर्ड एवं निगमों में चेयरमैनी मिल सकेगी।
कुछ निगमों में नियुक्त किए जा सकते हैं चेयरमैन
जिन बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैनों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, उन्हें फिलहाल अस्थायी रूप से उनके पुराने पदों पर काम करने को कहा गया है, लेकिन दोबारा से उनके नियुक्ति आदेश शहरी निकाय चुनाव के बाद ही होंगे।
कुछ बोर्ड एवं निगमों के पुराने चेयरमैनों को हटाया जा सकता है, तो कुछ निगमों में नए चेयरमैन नियुक्त किए जा सकते हैं। शहरी निकाय चुनाव में की गई मेहनत कार्यकर्ताओं व नेताओं को बोर्ड एवं निगमों में मिलने वाली चेयरमैनी का बड़ा आधार बनेगी। हरियाणा भाजपा फिलहाल संगठनात्मक चुनाव में व्यस्त है।
यह भी पढ़ें- खुशखबरी! हरियाणा में 777 नए डॉक्टरों की होगी भर्ती, स्वास्थ्य मंत्री ने प्रक्रिया पूरी करने के दिए आदेश
प्रमुख नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे
राज्य के प्रमुख नेता दिल्ली के विधानसभा चुनाव में जुटे हुए हैं। इसके तुरंत बाद राज्य में शहरी निकाय चुनाव होंगे। राज्य में 11 नगर निगमों में चुनाव होने हैं। केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है। पार्टी की कोशिश है कि राज्य के जितने भी शहरी निकाय हैं, वहां पर भाजपा उम्मीदवारों को जीत हासिल हो।
इसके लिए अंदरूनी तौर पर पार्टी उम्मीदवारों के नाम लगभग तय किए जा चुके हैं। पार्टी ऐसे नेताओं को चुनाव लड़वाने पर विचार कर रही है, जिन्हें किसी भी कारण से लोकसभा या विधानसभा के टिकट नहीं मिल पाए। कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पर भाजपा उम्मीदवार मामूली मतों के अंतर से चुनाव हार गए। वहां पर ऐसे उम्मीदवारों को शहरी निकायों के चुनाव में उतारा जा सकता है।
भाजपा के कुछ बड़े पदाधिकारियों को भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं व टिकट के दावेदारों की घर वापसी का भी मन बना लिया है।
भाजपा ने दिए पुराने नेताओं की घर वापसी के संकेत
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने ऐसे नेताओं की घर वापसी को प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन पार्टी के प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया ने इन नेताओं की भाजपा में वापसी के संकेत दिए हैं।
ऐसे नेताओं के लिए यह व्यवस्था बनाई जा सकती है कि वे भाजपा में वापस तो आ सकते हैं, लेकिन उन्हें हाल फिलहाल पार्टी अथवा सरकार में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। इसके पीछे भाजपा की सोच है कि जितना बड़ा परिवार होगा, उतनी ताकत मजबूत होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।