भाजपा नहीं लेना चाहती रिस्क, समय से पहले विस चुनाव नहीं चाहते मनोहर के मंत्री
हरियाणा भाजपा और मनोहरलाल सरकार के मंत्री समय से पहले राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा आैर राज्य के मंत्री समय से पहले विधानसभा का चुनाव को लेकर संशय में हैं। वह इसको लेकर रिस्क नहीं लेना चाहते। मनोहरलाल सरकार के मंत्री नहीं चाहते कि राज्य में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराए जाएं। लोकसभा चुनाव से उन्हें कोई खास मतलब नहीं है। केंद्र चाहे तो लोकसभा चुनाव समय से पहले करा ले और चाहे तो बाद में कराए। मंत्रियों की राय है कि राज्य में विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में समय पर ही होने चाहिए।
पहले मुख्यमंत्री मनाेहरलाल और उनकी सरकार कहती थी कि वे राज्य विधानसभा को चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही कराने को तैयार हैं। लेकिन, अब मंत्रियों की राय इससे अलग होती दिख रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहरलाल और राज्य भाजपा नेतृत्व असंमजस में दिख रही है।
मंत्री समूह की बैठक में अधिकतर मंत्रियों ने समय पूर्व चुनाव के विरोध में राय रखी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट की मंत्रियों ने यह राय मंत्री समूह की बैठक में जाहिर की। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी को 19 राज्यों के मुख्यमंत्री बुला रखे हैैं। उसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक होगी। इन बैठकों में एक देश-एक चुनाव के एजेंडे पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय पूछी जाएगी।
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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल भी एक देश-एक चुनाव के हक में हैैं, लेकिन उन्होंने 28 फरवरी की बैठक में अपनी राय रखने से पहले मंत्रियों की राय जाननी जरूरी समझी। इसके लिए मनोहर ने बुधवार देर रात अपने निवास पर मंत्री समूह की बैठक बुलाई। रात्रि भोज के बाद चर्चा चली तो बैठक करीब 11 बजे तक खिंच गई।
बैठक में तीन मंत्री अनिल विज, राव नरबीर और कृष्ण लाल पंवार नहीं थे। राव विदेश गए हुए हैैं जबकि विज और पंवार जींद में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में गए हुए थे। मुख्यमंत्री ने जब मंत्रियों से उनकी राय पूछी तो सभी ने अक्टूबर 2019 से पहले चुनाव कराए जाने से इंकार कर दिया। 26 अक्टूबर 2014 को मनोहर सरकार ने कार्यभार संभाला था। मुख्यमंत्री अब अपनी राय और मंत्रियों की राय से केंद्र को अवगत करा देंगे।
सुभाष बराला को भी लेनी होगी संगठन की राय
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 28 फरवरी की बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों की राय भी लेंगे। उनकी बैठक दो मार्च को होली के बाद किसी दिन हो सकती है। संगठन के स्तर पर भी केंद्रीय नेतृत्व एक साथ चुनाव करवाए जाने को लेकर फीडबैक लेगा। ऐसे में अब हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष बराला जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी व जिला के नेताओं की बैठक बुला कर उनसे राय कर सकते हैं।
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