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    Urban Body Elections: विधानसभा चुनाव के दौरान वंचित दावेदारों पर दांव खेलेगी भाजपा, मजबूत चेहरों को उतारने की योजना

    हरियाणा (Urban Body Elections in Haryana) में होने वाले शहरी निकाय चुनावों के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित रहे प्रमुख दावेदारों को इस बार मेयर परिषद और पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा सकती है। भाजपा का लक्ष्य शहरी निकायों में मजबूत स्थिति बनाना है। वहीं कांग्रेस भी शहरी निकाय चुनाक को लेकर गंभीर नजर आ रही है।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 16 Dec 2024 07:44 PM (IST)
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    हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुट गई हैं। प्रतिकात्मक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के राजनीतिक दलों ने शहरी निकाय चुनाव की तैयारी आरंभ कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 18 दिसंबर से पूरे प्रदेश के धन्यवादी दौरे करेंगे।

    इस दौरान वे राज्य में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए लोगों का आभार जताएंगे, तो साथ ही शहरी निकाय चुनाव के लिए भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे।

    शहरी निकाय चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस गंभीर

    विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित कई नेताओं को भाजपा इस बार शहरी निकाय चुनाव लड़वा सकती है। मेयर, परिषद और पालिका अध्यक्षों के चुनाव सीधे मतदान के जरिए होंगे। इसलिए इन चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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    भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी शहरी निकाय चुनाव को लेकर गंभीर है। मेयर के चुनाव कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ने पर विचार कर रही है। आम आदमी पार्टी ने स्वयं के बूते शहरी निकाय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, जबकि जननायक जनता पार्टी भी शहरी निकाय चुनाव को लेकर तैयारी कर रही है।

    दो चरणों में होंगे शहरी निकाय चुनाव

    इंडियन नेशनल लोकदल के इस बार विधानसभा में दो विधायक चुनकर आए हैं, लेकिन शहरी निकाय चुनाव को लेकर इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने अभी अपनी पार्टी के पत्ते नहीं खोले हैं।

    हरियाणा में दो चरणों में शहरी निकाय चुनाव होंगे। पहले चरण में सोनीपत, अंबाला, मानेसर, गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों के चुनाव होंगे, जबकि दूसरे चरण में रोहतक, हिसार, करनाल, पानीपत और यमुनानगर नगर निगमों में चुनाव होंगे।

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    हरियाणा में कुल 34 निकाय चुनाव होंगे

    सोनीपत में निखिल मदान और अंबाला में शक्ति रानी शर्मा के कालका से विधायक चुने जाने के बाद यह दोनों नगर निगम खाली हुए हैं, जबकि मानेसर नगर निगम नया बना है। गुरुग्राम और फरीदाबाद निगमों में कई साल से चुनाव लंबित हैं। राज्य में कुल 34 शहरी निकायों में चुनाव होने हैं, जिन्हें लेकर भाजपा काफी गंभीर है।

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई छोटी टोली की बैठक में शहरी निकायों के चुनाव गंभीरता से लड़ने पर मंथन किया गया। आम सहमति बनी कि विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित प्रमुख दावेदारों को मेयर, परिषद व पालिका अध्यक्षों के चुनाव लड़वाए जाएंगे। भाजपा अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के फूल पर यह चुनाव लड़ेगी।

    भाजपा में टिकट के दावेदारों में अभी से मारामारी

    नगर निगम में मेयर प्रोटोकाल में सांसद और विधायकों से ऊपर होता है। इसलिए छोटी सरकार का हिस्सा बनने के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारों में अभी से मारामारी मची है। हरियाणा भाजपा के प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली को शहरी निकाय चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के 11 विधानसभा क्षेत्रों के धन्यवादी दौरे फाइनल हो चुके हैं। धीरे-धीरे वे पूरे राज्य का दौरा करेंगे। तभी शहरी निकाय चुनाव के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री की ओर से पार्टी के सभी सांसदों व विधायकों को भी उनके अंतर्गत आने वाले निकायों के चुनाव की तैयारियां करने को कहा जा चुका है।

    मजबूत चेहरों को उतार सकती है भाजपा

    केंद्रीय ऊर्जा एवं आवासन व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के पास टिकट के दावेदारों ने दस्तक देनी चालू कर दी है। भाजपा की रणनीति है कि मजबूत चेहरों को शहरी निकाय चुनाव में उतारा जाए, ताकि ईवीएम पर आपस में भिड़ रही कांग्रेस को शहरी निकाय चुनाव में भी उभरने का मौका नहीं मिल सके। भाजपा मेयर और चेयरमैन पदों के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।

    विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई वार्ड पार्षदों ने खुलकर कांग्रेस का साथ दिया था। इस बार ऐसे पार्षदों की टिकट भाजपा काटने वाली है। उनके स्थान पर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को पार्षद का चुनाव लड़वाया जा सकता है।

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