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    Haryana Assembly: सरकार का बड़ा फैसला- डॉक्‍टरों के रिक्‍त पदों पर तुरंत होगी अस्‍थायी नियुक्ति

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 25 Feb 2020 04:07 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार ने बड़ी घोषणा की। अब सरकारी अस्‍पतालों में डॉक्‍टरों के रिक्‍त पदों पर सीएमओ तुरंत अस्‍थायी नियुक्ति कर सकेंगे।

    Haryana Assembly: सरकार का बड़ा फैसला- डॉक्‍टरों के रिक्‍त पदों पर तुरंत होगी अस्‍थायी नियुक्ति

    चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Budget Session में मंगलवार को राज्‍य सरकार ने बड़ी घोषणा की। सरकार ने कहा कि अब अस्‍पतालों में डॉक्‍टरों का पद खाली होने पर सीएमओ तुरंत प्रभाव से अस्‍थायी नियुक्ति कर सकेंगे। इसके अलावा, राज्‍य में शराब की तस्‍करी को गैरजमानती अपराध बनाने की भी घोषणा की गई। विधानसभा में राज्‍य के गृहमंत्री अनिल विज की पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस‍ विधायक किरण चौधरी से भिड़ंत हो गई। विज द्वारा हुड्डा के खिलाफ टिप्‍पणी करने पर कांग्रेस और भाजपा के विधायकों में नोकझोंक हो गई।

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    मिलेगा एकमुश्त पैकेज, एमबीबीएस डाक्टरों को 85 हजार और स्पेशलिस्ट को डेढ़ लाख मिलेंगे

    विधानसभा में सरकार की ओर से मंगलवार को बड़ी घोषणा की गई। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अब किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों की सीट खाली होगी तो उस पर तुरंत प्रभाव से सीएमओ अस्थायी नियुक्ति कर सकेंगे। ये नियुक्तियां पैकेज के आधार पर होंगी। एमबीबीएस को 85 हजार रुपये प्रतिमाह और तीन साल का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर को डेढ़ लाख रुपये प्रति माह का वेतन दिया जाएगा।

    अनिल विज ने कहा- हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों से बने डॉक्‍टरों को प्रदेश के अस्‍पतालों में करना होगा कार्य

    इसके साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को शथप पत्र देना होगा कि वे पढ़ाई पूरी करने के बाद दो साल तक हरियाणा के अस्पतालों में नौकरी करेंगे। इससे हरियाणा में एक वर्ष में 1600 डॉक्टर मिल जाएंगे।

    दरअसल ह‍रियाणा सरकार ने डाक्टरों की कमी से निपटने के लिए यह फैसला किया है। राज्य सरकार ने एडहॉक (तदर्थ) आधार पर भर्ती होने वाले इन डाक्टरों को तय पैकेज देगी। सरकार पहले लोक सेवा आयोग के जरिये डाक्टरों की भर्ती करती थी। कम वेतन व सुविधाओं के अभाव में जब डाक्टर नहीं आए तो भर्ती प्रक्रिया को स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया गया। इस फैसले से भी सरकार अब पीछे हटकर नए ट्रैक पर चल पड़ी है।

    हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए स्वीकार किया कि हरियाणा के अस्पतालों में डाक्टरों की कमी है। इसी कारण मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में डाक्टरों के करीब 700 पद खाली हैैं।

    विज ने बताया कि सरकार ने डाक्टरों के 342 पद एडहॉक के आधार पर भर्ती करने का फैसला किया है। इन डाक्टरों को नियमित चिकित्सकों की तरह वेतन की बजाए एकमुश्त पैकेज दिया जाएगा। एमबीबीएस श्रेणी के डाक्टरों को 85 हजार रुपये तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों को डेढ लाख रुपए मासिक पैकेज मिलेगा। अब जैसे ही किसी डाक्टर का पद रिक्त होगा तो उसे नियमित भर्ती प्रक्रिया से पहले एडहॉक भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भर लिया जाएगा।

    स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में कहा कि इसके अलावा मार्च माह तक 447 डाक्टरों की नियमित भर्तियां करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकारी मेडिकल कालेजों में पढ़ाई कर डाक्टर बनने वाले युवाओं के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करके दो साल तक प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देंगे।

    पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू

    स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सदन में बताया कि डाक्टर ही नहीं पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसके चलते 92 फार्मासिस्ट, 197 रेडियोग्राफर, 307 लैब टैक्नीशियन, 28 लैब सहायक तथा 100 आपरेशन थियेटर सहायक भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ओपीडी वृद्धि के साथ-साथ शिशु मातृत्व मृत्यु दर का आंकड़ा 127 से कम होकर 98 तक पहुंच गया है।

    गृहमंत्री अनिल विज और भूपेंद्र सिंह हुड्डा में तीखी बहस, कांग्रेस व भाजपा के विधायक भिड़े

    विधानसभा में मंगलवार को गृहमंत्री अनिल विज की पूर्व मुख्‍यमंत्री व विधानसभा में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस विधायक किरण चौधरी से तीखी बहस हाे गई। हुड्डा सरकार के दौरान औद्योगिक सुरक्षा बलों के जवानों को हटाने के मुद्दे पर गृह मंत्री अनिल विज और किरण चौधरी के बीच कहासुनी हो गई। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस पर सरकार को घेरा। इसी दौरान विज ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ टिप्‍पणी कर दी।

    विज ने कहा कि हुड्डा तानाशाह हैं। इस पर कांग्रेस विधायक भी खड़े हाे गए। भाजपा विधायकों ने भी इसका जवाब दिया तो हंगामा शुरू हो गया। दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया। इसके बाद मुख्‍यमंत्री ने हस्तक्षेप कर शांत कर विधायकों को शांत कराया।   

    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चौटाला सरकार की गलत नीतियों के तहत औद्योगिक सुरक्षा बल के ये जवान भर्ती किए गए थे। इनकी नियुक्ति पद स्वीकृत हुए बिना की गई थी। इसलिए इन जवानों को हटाना पड़ा था। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज भी हालात वहीं है। हमने मानवता के आधार पर इन जवानों के पुनर्वास के लिए कई कदम उठाए हैं।

    मां नैना चौटाला के सवाल का दुष्‍यंत चौटाला ने दिया जवाब

    विधानसभा में जजपा विधायक और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने सवाल पूछा तो उसका जवाब दुष्‍यंत ने ही दिया। नैना चौटाला ने पूछा सवाल कि बाढड़ा शहर में बाईपास निर्मित करने का क्या कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचारधीन है और यदि है तो इसके कब तक निर्मित किए जाने की संभावना है? इस पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि फिलहाल बाढड़ा बाईपास की डीपीआर एनएचआइ को भेजी गई है। अगर वहां से मंजूर नहीं हुआ तो डब्ल्यूडी इसका निर्माण कराएगा। 

     

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