भारत सहकारिता टैक्सी जल्द होगी शुरू, गृहमंत्री अमित शाह बोले- ड्राइवरों को मिलेगा 100% मुनाफा
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत सहकारिता टैक्सी बहुत कम समय में शुरू होने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य ऑटो, टैक्सी और मोटर ...और पढ़ें
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भारत सहकारिता टैक्सी जल्द होगी लॉन्च, ड्राइवरों तक जाएगा पूरा मुनाफा: अमित शाह
राजेश मलकानियां, पंचकूला। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत सहकारिता टैक्सी बहुत कम समय में शुरू होने जा रही है और देखते-देखते यह देश की नंबर वन टैक्सी कंपनी बनेगी। उन्होंने कहा कि देश में ऑटो चालकों, टैक्सी ड्राइवरों और मोटरसाइकिल टैक्सी चलाने वाले युवाओं की बड़ी संख्या है।
भारत टैक्सी के जरिए पूरा मुनाफा सीधे ड्राइवरों के पास जाएगा, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी। पंचकूला में आयोजित सहकारिता सम्मेलन में बोलते हुए अमित शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की जमकर सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में हरियाणा ने किसानों को सबसे अधिक गन्ना खरीद राशि देकर देशभर की सरकारों के सामने मिसाल पेश की है। सैनी ने हरियाणा के किसानों को खुशहाल बनाया है, जो बड़ी उपलब्धि है।
शाह ने सहकारिता की ताकत का उदाहरण देते हुए कहा कि अमूल की शुरुआत रोजाना 2,000 लीटर दूध संग्रह से हुई थी, जो आज करोड़ों लीटर तक पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना कर सरकार से समृद्धि का नया मंत्र दिया है, जिसमें रोजगार के साथ समृद्धि को जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि डेयरी के माध्यम से दूध और गोबर से 50 लाख रुपये से अधिक आय अर्जित करने वाली 100 से ज्यादा बहनों से वे स्वयं संवाद कर चुके हैं। भूमि परीक्षण, कम जोखिम वाली फसलें, जल सुरक्षा, क्रेडिट, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग जैसे उपायों से किसान की आय बढ़ाई जा रही है और सब्सिडी-निर्भर कृषि से सतत कृषि की ओर कदम बढ़ रहे हैं।
अमित शाह ने आंकड़े रखते हुए कहा कि 2014 में कृषि बजट 22,000 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 1,27,000 करोड़ रुपये किया गया। वहीं ग्रामीण विकास बजट 80,000 करोड़ से बढ़ाकर 1,87,000 करोड़ रुपये किया गया। हरियाणा ने खाद्य सुरक्षा, खेलों में पदक तालिका और देश की रक्षा में जवानों की भागीदारी से देश का मान बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन और सहकारिता—इन तीनों को जोड़ने से रोजगार और समृद्धि का बड़ा सृजन संभव है। गांव की दुकान पर दूध बेचने और सहकारी डेयरी के माध्यम से दूध बेचने की आय में लगभग 70 प्रतिशत का अंतर है। गुजरात में अमूल 36 लाख बहनों को हर साल करीब 90,000 करोड़ रुपये वितरित करता है।
कार्यक्रम के दौरान मिल्क चिलिंग सेंटर, हैफेड आटा मिल, रुपे प्लेटिनम कार्ड मॉडल, पैक्स का पंजीकरण और सहकारिता वर्ष पोर्टल का लोकार्पण किया गया। अमित शाह ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से देश की 125 करोड़ आबादी को रोजगार और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।

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