हरियाणा में नहीं दिखेगी फिल्म पद्मावत, सरकार ने प्रदर्शन पर लगाई रोक
हरियाणा सरकार ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के राज्य में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। मनोहर लाल कैबिनेट की बैठक में इस बारे में निर्णय किया गया।
जेएनएन, चंडीगढ़। नाम बदल जाने के बाद भी संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म पद्मावत की मुश्किल खत्म नहीं हो रही है। मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों के बाद अब हरियाणा में भी पद्मावत फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मनाेहरलाल सरकार ने फिल्म के हरियाणा में रिलीज पर राेक लगा दिया है।
यहां कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय किया गया कि राज्य में कानून-व्यवस्था के लिए मद्देनजर पद्मावत फिल्म नहीं दिखाई जाएगी। बता दें कि राज्य में फिल्म पद्मावती आैर इसका नाम बदल कर पद्मावत करने के बाद भी हरियाणा में इसका विराेध किया जा रहा है।
करणी सेना सहित कई संगठनाें ने इस फिल्म काे हरियाणा में दिखाए जाने पर हंगामा करने और इसे सिनेमा हालों में नहीं दिखाने देने की धमकी दी है। इसे बाद हरियाणा सरकार ने आज राज्य में फिल्म के रिलीज पर प्रतिबंध लगाने का एेलान किया।
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बता दें कि फिल्म पद्मावती पर विवाद होने के बाद संजय लीला भंसाली ने इसका नाम बदलकर पद्मावत कर दिया अौर इसे 25 जनवरी को रिलीज करने की घोषणा की है। इसके बाद भी राजस्थान अौर अन्य राज्याें के साथ हरियाणा में भी इसका विराेध हुआ और विभिन्न संगठनों ने इसे सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं करने देने की चेतावनी है।
करणी सेना ने पिछले दिनों हिसार में बैठक कर फिल्म पर हरियाणा में प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। संगठन ने फिल्म को हरियाणा में रिलीज की अनुमति देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। फिल्म के विरोध में कुछ जाट संगठनों के भी सामने आने से राज्य में हालात गंभीर हाेने व अशांति फैलने का खतरा था। ऐसे में मनोहर सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर राेक लगाना बेहतर समझा।
इस फिल्म को लेकर हरियाणा में कई माह से घमासान छिड़ा हुआ था। कैबिनेट मंत्री अनिल विज तथा विपुल गोयल फिल्म को हरियाणा में प्रदर्शित करने के हक में शुरू से नहीं थे। भाजपा मीडिया संयोजक रहे सूरजपाल अम्मू ने इस फिल्म के प्रदर्शन का खुला विरोध शुरू कर दिया था। अपनी ही सरकार व संगठन के विरुद्ध मोर्चा खोलने पर अम्मू को कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया गया था।
सूरजपाल अम्मू ने फिल्म के विरोध में न केवल राजपूत समाज को एकजुट किया, बल्कि भाजपा के तमाम पदों से इस्तीफा तक दे दिया था। मंत्रिमंडल की बैठक में अनिल विज तथा विपुल गोयल ने यह मुद्दा उठाया। बाकी मंत्रियों ने भी इस पर सहमति दी।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि पूरा मंत्रिमंडल इस बात पर सहमत था कि फिल्म को अगर हरियाणा में रिलीज किया जाता है तो विवाद बढ़ सकता है। नतीजतन फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया गया है। सरकार ने समाज की भावनाओं के अनुरूप फैसला लिया है।
हरियाणा सरकार के इस कदम का करणी सेना सहित विभिन्न संगठनों ने स्वागत किया है। इस फिल्म को लेकर विवादित बयान देने के कारण भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पद से हटाए गए सूरजपाल अम्मू ने हरियाणा सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। अम्मू ने कहा है कि वह हरियाणा सरकार और सीएम मनोहर लाल का धन्यवाद करते हैं।
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अम्मू ने मुख्यमंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से पूर्व समय के दौरान दिए गए अपने बयानों पर माफी भी मांगी है। उन्होंने कहा कि वह समाज की लड़ाई लड़ रहे थे। इसी कारण कई मंचों से उन्होंने बयान भी दिए लेकिन उन्होंने कभी किसी की भावनाओं को आहत करने का प्रयास नहीं किया।