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    Chandigarh: मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पंजीकरण नीति में हुआ संशोधन, जमीन मालिक की इजाजत से मिलेगा किसानों को ओटीपी

    By Dayanand Sharma Edited By: Deepak Saxena
    Updated: Wed, 24 Jan 2024 02:53 PM (IST)

    मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण न हो पाने के मामले में सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन कर दिया है। फसल पक कर तैयार होने के बावजूद बिना पंजीकरण बेच न पाने के चलते याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने जमीन मालिक की सहमति से खेती करने वाले किसान को ओटीपी जारी करने के आदेश दिए हैं।

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    मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पंजीकरण नीति में हुआ संशोधन (फाइल फोटो)।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। खेतों में फसल पक कर तैयार होने के बावजूद मंडी में इसे बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण न हो पाने के मामले में सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन कर दिया है। सरकार के अनुसार, अब जमीन मालिक के सहमति से खेती करने वाले किसान को ओटीपी जारी किया जाएगा। किसी भी विवाद में सक्षम प्राधिकारी उचित निर्णय लिया जाएगा।

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    सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने साफ कर दिया कि याची पक्ष ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन को चुनौती नहीं दी थी। लेकिन कोर्ट उनके किसी कानूनी अधिकार को नहीं रोकता अगर वह चाहे तो कानून अनुसार किसी नीति को चुनौती दे सकते है।

    हाई कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की

    हाई कोर्ट ने यह आदेश दर्जनों किसानों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिया। हाई कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की। याचिका दाखिल करते हुए कुरुक्षेत्र निवासी किसान नेता गुरनाम सिंह व अन्य ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रदेश में किसानों को फसल मंडी में बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।

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    किसानों को उपलब्ध होगा ओटीपी

    प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे किसान हैं जो पंचायत की भूमि या अन्य जमीन पर खेती करते हैं। भूमि का मालिकाना हक पंचायतों के पास या अन्य होने के चलते मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए ओटीपी पंचायत या जमीन मालिक के पास आता है। अधिकतर मामलों में किसानों को ओटीपी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है जिसके चलते किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। यदि समय से मंडी में फसल नहीं बिक पाए तो उनका बहुत अधिक नुकसान हो जाएगा। ऐसे में किसानों को ओटीपी उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आदेश जारी किया जाए।

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