भ्रष्टाचार की आंच: हरियाणा सरकार का IAS अधिकारियों को नया फरमान, संपत्ति खरीदने-बेचने से पहले लेनी होगी मंजूरी
हरियाणा में भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच का सामना कर रहे आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ अन्य आईएएस अधिकारियों की भी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह की चल-अचल संपत्ति खरीदने या बेचने से पहले सरकार को जरूर बताएं। सरकार की पूर्व जानकारी के बिना पट्टे ग्रहण खरीद उपहार के माध्यम से किसी भी अचल संपत्ति नहीं खरीदी जाएगी।

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा में भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच का सामना कर रहे आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारियों के साथ-साथ अन्य आईएएस अधिकारियों की भी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
संपत्ति खरीदने पर सरकार को देनी होगी जानकारी
प्रदेश सरकार ने जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) को संदेह के दायरे में आए अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए पूरी छूट दे रखी है, वहीं अब सभी आईएएस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह की चल-अचल संपत्ति (Movable Property) खरीदने या बेचने से पहले सरकार को जरूर बताएं। सरकार को जानकारी दिए बगैर कोई आईएएस अधिकारी अपने नाम पर या परिजनों के नाम पर किसी संपत्ति को खरीद या बेच नहीं सकेगा।
हरियाणा काडर के सभी आईएएस अधिकारियों को जारी हुए निर्देश
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस संबंध में हरियाणा काडर के सभी आईएएस अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। एडवाईजरी में कहा गया है कि आईएएस अधिकारी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16(3) के अनुसार अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर किसी भी अचल या चल संपत्ति को खरीदने एवं बेचने से पहले सरकार को अवश्य सूचित करें।
अचल संपत्ति बेचने पर भी लेनी होगी परमिशन
नियमानुसार सर्विस में कोई भी अधिकारी अपने या परिजन के नाम पर सरकार की पूर्व जानकारी के बिना पट्टे, ग्रहण, खरीद, उपहार के माध्यम से किसी भी अचल संपत्ति को नहीं खरीदेगा। यदि अचल संपत्ति को बेचेगा तो उसकी भी सरकार से पहले अनुमति लेनी होगी।
आईएएस अधिकारियों की संपत्ति पर सरकार की पूरी नजर
दरअसल आईएएस अधिकारियों की संपत्ति पर सरकार की पूरी नजर है। कौन सा आईएएस अधिकारी कहां से प्रॉपर्टी खरीद रहा है, उसके लिए पैसे कहां से जुटाए, यह सब जानकारी उन्हें साझा करनी होगी। वर्तमान में कई आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो चल-अचल संपत्ति का लेन-देन करने से पहले और न ही बाद में सरकार को कुछ बताते हैं।
मनमानी करने पर होगी सख्त कार्रवाई
जो आईएएस अधिकारी लेन-देन की पूर्व सूचना देते भी हैं तो वह आधी-अधूरी होती है। प्रदेश सरकार ऐसे अधिकारियों पर भी सख्ती बरतने जा रही है। नियमों का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
प्लॉट या फ्लैट की बुकिंग को भी माना जाएगा लेन-देन
भूखंड या फ्लैट की बुकिंग करना भी लेन-देन माना जाता है, इसलिए यह जानकारी भी सरकार के साथ साझा करनी होगी। चल संपत्ति के मामलों में ट्रांजेक्शन में लगने वाली धनराशि के स्रोत का स्पष्ट ब्योरा देना भी जरूरी है।
इन दस्तावेजों को करना होगा पेश
धन स्रोतों के समर्थन में कई तरह के दस्तावेजों को प्रस्तुत किया जा सकता है। इनमें बैंक ऋण की फोटो कॉपी, जिसमें लोन की राशि एवं उसे वापस चुकाने के निबंधन स्पष्टतया प्रकाशित हों तथा रिश्तेदार से ऋण के संबंध में सहमति पत्र शामिल है।
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कमाई का स्त्रोत भी हो स्पष्ट
ऋण को चुकाने के निबंधन एवं रिश्तेदार (जिस से ऋण लिया गया है) की कमाई का स्रोत भी स्पष्ट होना चाहिए। जीवन साथी के परिवार के सदस्यों के योगदान को लेकर कई सूचनाएं देनी होंगी। जैसे रोजगार का स्रोत आदि। स्रोत से जुड़े दस्तावेज जमा कराने होंगे।
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