Haryana News: सूचना आयोग में आयुक्तों के 6 पद खाली, नई नियुक्तियों का इंतजार; CM नायब सैनी ने दिए अब ये संकेत
हरियाणा सूचना आयोग में राज्य सूचना आयुक्तों के छह पद खाली हैं जिससे सूचना आयोग का काम प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने संकेत दिया है कि दिल्ली चुनाव परिणामों के बाद नई नियुक्तियां की जाएंगी। वर्तमान में केवल चार राज्य सूचना आयुक्त ही सेवाएं दे रहे हैं। मुख्य सूचना आयुक्त विजय वर्धन और राज्य सूचना आयुक्त एसएस फुलिया का कार्यकाल भी अगले माह पूरा होने वाला है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के सूचना आयोग में राज्य सूचना आयुक्तों के आधा दर्जन पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर लंबे समय से नियुक्तियां नहीं हुई हैं। राज्य सूचना आयुक्तों का कार्यकाल बारी-बारी से कम हो रहा है, मगर नई नियुक्तियों के अभाव में सूचना आयोग का काम रुका हुआ है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से संकेत मिले हैं कि दिल्ली के चुनाव नतीजों के बाद हरियाणा सरकार न केवल सभी आयोगों में नियुक्तियां करेगी, बल्कि बोर्ड एवं निगमों में भी नई जिम्मेदारियां प्रदान की जाएंगी।
पूरा होने वाला है एसएस फुलिया का कार्यकाल
हरियाणा के सूचना आयोग में राज्य सूचना आयुक्तों के 10 पद मौजूद हैं, लेकिन इनमें से छह पद खाली चल रहे हैं। इस समय सिर्फ चार राज्य सूचना आयुक्त ही सेवाएं दे रहे हैं। अप्रैल 2023 के बाद हरियाणा सरकार द्वारा राज्य सूचना आयोग में एक भी खाली पद पर कोई नियुक्ति नहीं की गई है।
मुख्य सूचना आयुक्त विजय वर्धन और राज्य सूचना आयुक्त एसएस फुलिया का कार्यकाल भी अगले माह पूरा होने वाला है। विजय वर्धन हरियाणा के मुख्य सचिव रह चुके हैं। पिछले सप्ताह 27 जनवरी को ज्योति अरोड़ा राज्य सूचना आयुक्त के तौर पर अपने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रिटायर हो चुकी हैं।
28 जनवरी 2022 को रिटायर्ड आइएएस ज्योति अरोड़ा ने शपथ ग्रहण कर राज्य सूचना आयुक्त का पद संभाला था।
मार्च में रिटायर होंगे विजय वर्धन
हरियाणा के मुख्य सूचना आयुक्त विजय वर्धन 24 मार्च को रिटायर होंगे, जबकि राज्य सूचना आयुक्त डॉ. एसएस फुलिया भी उसी दिन रिटायर हो रहे हैं। वर्तमान में एसएस फुलिया के अतिरिक्त राज्य सूचना आयोग में तीन अन्य सूचना आयुक्त डॉ. कुलबीर छिकारा, प्रदीप कुमार शेखावत और डॉ. जगबीर सिंह काम कर रहे हैं।
छिकारा, शेखावत और जगबीर की नियुक्तियां अप्रैल 2023 में की गई थी। इनमें से छिकारा और जगबीर का कार्यकाल अगले वर्ष अप्रैल 2026 तक है, जबकि शेखावत का कार्यकाल इसी वर्ष अक्टूबर 2025 में पूरा हो जाएगा।
अधिकतम 10 सूचना आयुक्त नियुक्त हो सकते हैं
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार, सूचना आयुक्त का कार्यकाल पदभार संभालने से तीन वर्ष या उसकी आयु 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, होता है। 24 अक्टूबर 2019 से पहले, अर्थात संसद द्वारा आरटीआई कानून में किये गये संशोधन के लागू होने से पूर्व इस कार्यकाल की अवधि तीन वर्ष की बजाय पांच वर्ष होती थी।
राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त अधिकतम 10 सूचना आयुक्त नियुक्त हो सकते हैं। मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त दोनों पदों का वेतन सवा दो लाख रुपये प्रतिमाह है। यह पद विधि (कानून), विज्ञान-प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क माध्यम, प्रशासन और शासन में व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले लोगों के लिए मौजूद हैं।
वैधानिक कमेटी करेगी चर्चा
राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पूरी प्रक्रिया अमल में लाने का प्रविधान है। सबसे पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की सर्च कमेटी का गठन किया जाता है, जो इन पदों के लिए आवेदन करने वाले पदों के हिसाब से तीन गुणा नामों को शार्टलिस्ट करती है।
सर्च कमेटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए पैनल पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय वैधानिक कमेटी चर्चा करती है, जिसमें विपक्ष का नेता और राज्य सरकार का एक मंत्री शामिल होता है। यही कमेटी राज्य सूचना आयुक्तों के पदों पर अंतिम चयन करने के लिए अधिकृत है।
विपक्ष के नेता की मर्जी के बिना भी सरकार इन अहम पदों पर अपनी पसंद के राज्य सूचना आयुक्तों व मुख्य सूचना आयुक्त का चयन कर पाने में कामयाब रहती है।
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