Stubble in Haryana: सख्ती! पराली जलाने पर 72 FIR, 44 किसान गिरफ्तार; 1256 चालान कर 33 लाख रुपये वसूला जुर्माना
हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वालों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि आग पर काबू न पाने के लिए उपायुक्तों और स्टेशन हाउस ऑफिसर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। साथ ही पराली जलाने पर 72 एफआईआर 44 किसान गिरफ्तार किए गए। 1256 चालान किए गए और 33 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया। गुरुग्राम और फरीदाबाद में 30 नवंबर तक बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सरकार ने सख्ती बढ़ाते हुए आदेश जारी किया कि पराली की आग पर काबू न पाने के लिए उपायुक्तों और स्टेशन हाउस ऑफिसर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। प्रदेश में अभी तक पराली जलाने के मामलों में 72 एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरोपित 44 किसान गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 1256 के चालान करते हुए 33 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल पर प्रतिबंध
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया कि गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल एलएमवी (4 व्हीलर) पर तत्काल प्रभाव से 30 नवंबर तक या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जीआरएपी स्टेज-3 को रद किए जाने तक प्रतिबंध लगा दिया है। आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छूट रहेगी।
इन जिलों में बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल एलएमवी (4 व्हीलर) का उपयोग करते पाए जाने वाले उल्लंघनकर्ताओं पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत केस दर्ज किया जाएगा। एनसीआर जिलों में पंजीकृत वाहनों पर होलोग्राम आधारित रंगीन स्टिकर लगाने के संबंध में उन्होंने कहा कि 14 नवंबर 2018 से 31 जनवरी 2023 के बीच एनसीआर जिलों में लगभग 10 लाख वाहनों को कलर-कोड किया गया है।
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पराली प्रबंधन योजनाओं के लिए 600 करोड़ सब्सिडी
मुख्य सचिव ने कहा कि धान की कटाई का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हरियाणा में 36.5 लाख एकड़ धान की खेती होती है, जिसमें 18.36 लाख एकड़ बासमती की खेती और लगभग 18.2 लाख एकड़ गैर-बासमती की खेती शामिल है। उन्होंने बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक बनाए रखने के लिए सरकार सतर्क है। पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 38 प्रतिशत की कमी आई है और पिछले दो वर्षों में 57 प्रतिशत की पर्याप्त कमी दर्ज की गई है।
विभिन्न पराली प्रबंधन योजनाओं के लिए 600 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इन उपकरणों का उद्देश्य बायोमास-आधारित परियोजनाओं के लिए पराली को भूसे के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जिससे पराली जलाने में कमी आएगी और पर्यावरण के प्रति जागरूक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
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