डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने बदला लाइफ स्टाइल, गोसेवा व बैडमिंटन से शुरू होता है दिन
कोराेना से जंग के बीच हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव किया है। दुष्यंत चौटाला के दिन की शुरूआत गाय की सेवा और बैडमिंटन से होती है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में काेराेना वायरस COVID-19 के खिलाफ जंग के बीच नेताओं ने भी अपनी जीवनशैली (Life style) बदल ली है। उनके दिन की शुरूआत गाय की सेवा और बैडमिंटन के साथ होती है। दुष्यंत वीडियो काॅन्फ्रिंसिंग और फोन पर अधिकारियों व लोगों से संपर्क में रहते हैं।
बैडमिंटन कोर्ट, गाय की सेवा और मनोविज्ञान पढ़ने में बीत रहा दिन
हरियाणा की 14वीं विधानसभा में पहली बार चुनकर आए 44 विधायकों में दुष्यंत चौटाला सबसे कम उम्र के विधायक हैं। राष्ट्रीय राजनीति में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री और यहां तक कि कई राज्यों के मुख्यमंत्री बनाने वाले ताऊ देवीलाल के परिवार पड़पोते दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट में डिप्टी सीएम हैं। उनकी अपने चाचा अभय सिंह चौटाला से राजनीतिक राहें अलग हो चुकी हैं। अब दुष्यंत अपने पिता अजय सिंह चौटाला की बनाई हुई जननायक जनता पार्टी के दस विधायकों के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट में शीर्ष पर हैं।
कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग में दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। दुष्यंत ने हाल फिलहाल अपनी जीवन शैली (लाइफ स्टाइल) और दिनचर्या में बदलाव किया है। चंडीगढ़ के सेक्टर एक स्थित कोठी नंबर 48 में उन्होंने एक गाय भी पाली हुई है। दुष्यंत की दिनचर्या की शुरुआत सुबह आठ बजे से होती है। वह सबसे पहले गाय की सेवा करते हैं। इसके बाद करीब 15 मिनट तक योगा करने के बाद दुष्यंत चौटाला अपनी कोठी के लान में ही लगभग एक घंटे तक बैड़मिंटन खेलते हैं। उसके बाद 45 से 50 मिनट तक सैर करने के बाद दुष्यंत चौटाला की आगे की दिनचर्या शुरू होती है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अफसरों से लिया जा रहा फीडबैक, हर रोज सीएम से चर्चा
दुष्यंत चौटाला के कार्यालय और कैंप आफिस का पूरा स्टाफ चंडीगढ़ में ही मौजूद है। बैडमिंटन कोर्ट में कभी कोई कर्मचारी तो कभी कोई सहयोगी दुष्यंत के साथ बैडमिंटन खेलता नजर आ जाता है। उनकी अधिकतर गतिविधियां कैंप आफिस से ही चलती हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनके बगल में ही रहते हैं। जरूरी चर्चा और वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए सचिवालय अथवा सीएम निवास पर जाने में बहुत देरी नहीं लगती। दुष्यंत फोन पर पूरे राज्य का फीडबैक लेने के बाद अगला एजेंडा सेट करते हैं, ताकि कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में सरकार की तैयारियों को लेकर किसी तरह की रफ्तार बाधित न हो सके।
रात के खाने में अक्सर कढ़ी के शौकीन ताऊ देवीलाल के पड़पोते
दुष्यंत चाय नहीं पीते। उन्हें काफी पीने का शौक है, लेकिन अब उन्होंने ब्लैक काफी शुरू कर दी है। गाय की सेवा के लिए कोठी में हालांकि एक सेवादार भी है, लेकिन दिन में कम से कम दो बार गाय के पास खुद चारा डालने जरूर जाते हैं। काम अगर अधिक नहीं है तो शाम को भी बैडमिंटन की एक पारी खेल ली जाती है। नाश्ते में दुष्यंत चौटाला दही, मिसी रोटी और चटनी तो कभी दाल सब्जी खाते हैं। दोपहर का भोजन हलका ही होता है और रात को साढ़े आठ बजे तक उनका डिनर हो जाता है। उन्हें कढ़ी बहुत पसंद है। अक्सर रात को उनके खाने में कढ़ी होती है।
ट्विटर पर रहते हैं सक्रिय, द टिपिंग प्वाइंट से मिल रही सीख
दुष्यंत चौटाला वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होने वाली बैठकों व फोन तथा वाट्सएप से फ्री होने के बाद कुछ देर तक ट्विटर पर सक्रिय रहते हैं। दिन और रात में जब भी समय मिलता है, वह आजकल एक किताब पढ़ रहे हैं टिपिंग प्वाइंट। दुष्यंत ने फोन पर बातचीत में बताया कि इस किताब के लेखक मैल्कम टिमोथी ग्लेडवेल सीएम कनाडाई पत्रकार रहे हैं। वह 1996 से द न्यूयॉर्कर के लिए एक कर्मचारी लेखक रहे हैं।
दुष्यंत ने बताया कि उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं, द टिपिंग प्वाइंट: हाउ लिटिल थिंग्स कैन मेक बिग फर्क (2000) इनमें अहम है। ग्लेडवेल की किताबें और लेख अक्सर सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान के अप्रत्याशित प्रभावों से निपटते हैं और अकादमिक कार्य विशेष रूप से समाजशास्त्र, मनोविज्ञान और सामाजिक मनोविज्ञान के क्षेत्रों में लगातार उपयोग करते हैं।
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