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    Haryana News: संपत्ति कर में 15 प्रतिशत की छूट मौजूदा वर्ष के बिलों पर भी होगी लागू, डाटा स्व-प्रमाणित करने की शर्त हटाने की मांग

    By Sudhir TanwarEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Sat, 18 Nov 2023 07:29 PM (IST)

    हरियाणा में लाखों लोगों को राहत देने के लिए संपत्ति कर (Property Tax) के भुगतान पर 15 फीसदी की छूट योजना को वित्तीय वर्ष के बिलों पर भी लागू कर दिया गया है। वहीं ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मनोहर लाल सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऑनलाइन पोर्टल पर डाटा स्व-प्रमाणित करने की शर्त को हटाया जाए।

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    संपत्ति कर में 15 प्रतिशत की छूट मौजूदा वर्ष के बिलों पर भी होगी लागू।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों के लाखों परिवारों को राहत देते हुए संपत्ति कर (प्रॉपर्टी टैक्स) के भुगतान पर 15 प्रतिशत छूट की योजना को मौजूदा वित्तीय वर्ष के बिलों पर भी लागू कर दिया है। इससे पहले संपत्ति कर में 15 प्रतिशत छूट तथा 100 प्रतिशत ब्याज माफी की योजना वर्ष 2010-11 से 2022-23 तक के प्रॉपर्टी टैक्स बिलों पर लागू थी।

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    ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी छूट का लाभ देने के लिए योजना में वर्तमान बिलों को शामिल करने की मांग की थी। इसे स्वीकार कर लिया गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। यह योजना 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। हालांकि ऑनलाइन पोर्टल पर डाटा स्व-प्रमाणित करने की शर्त को नहीं हटाया गया है।

    डाटा प्रमाणित करने में वसूल रहे मोटी राशि

    एसोसिएशन के प्रधान कुलदीप वत्स ने कहा कि सरकार ऑनलाइन पोर्टल पर डाटा स्व-प्रमाणित करने की शर्त को भी हटाए। एक कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति इस प्रकिया को फॉलो नहीं कर सकता। ऑनलाइन पोर्टल पर डाटा स्व-प्रमाणित करने के लिए सीएससी सेंटर व कंप्यूटर आपरेटर लोगों से मोटी राशि वसूल रहे हैं। इसके अलावा डाटा स्व-प्रमाणित करते समय गलती होने का खतरा बना रहता है।

    20 प्रतिशत से ज्यादा गड़बड़ियों पर कराया जाए दोबारा सर्वे

    उन्होंने कहा कि सेक्टरों व कॉलोनियों में जो प्रॉपर्टी टैक्स बिल बांटे गए हैं उनमें प्रॉपर्टी सर्वे में लापरवाही के कारण हाउस टैक्स बिलों में नाम, पता, फोन, प्लॉट साइज सहित कई प्रकार की गलतियां उजागर हो रही हैं। जिन शहरों में 20 प्रतिशत से ज्यादा गड़बड़ियां मिली हैं, वहां किसी प्रतिष्ठित कंपनी के माध्यम से दोबारा सर्वे कराया जाए।

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