सरकारी अस्पताल का हाल, 35 लाख की लिफ्ट पिछले 10 दिनों से बंद; मरीजों की फूल रही सांसें
पलवल के नागरिक अस्पताल में 35 लाख की लिफ्ट में पानी भरने से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। बिजली के तारों के पास पानी भरने से करंट का खतरा है इसलिए लिफ्ट बंद कर दी गई है। डायलिसिस और ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को दूसरी मंजिल पर जाने में परेशानी हो रही है। बुजुर्गों को सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई हो रही है।

जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल में करीब 35 लाख रुपये की लागत से जिला नागरिक अस्पताल परिसर में लगी लिफ्ट की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। अस्पताल की लिफ्ट पिट में पानी भर गया है। लिफ्ट पिट से पानी निकालने के लिए बार-बार मोटर लगानी पड़ रही है। मगर अभी धीरे-धीरे दीवारों से पानी रिस-रिस कर आ रहा है।
सुरक्षा पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि लिफ्ट की रोपवे काे चलाने के लिए नीचे बिजली की तारों की फिटिंग की गई है, जो जमीन से मात्र एक फीट ऊंची है। चलती लिफ्ट के दौरान कोई हादसा हो जाए या फिर करंट आ जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से लिफ्ट को बंद कर दिया है। उधर डाक्टरों व स्टाफ की लिफ्ट भी खराब पड़ी है। इस लिफ्ट के पैनल के कार्ड में खराबी आ गई है।
लिफ्ट बंद होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे किडनी तथा आपरेशन कराने आए मरीजों को हो रही है। क्योंकि यह दोनों दूसरी मंजिल पर स्थित हैं। मजबूरी में डायलिसिस मरीजों को दिव्यांगों के लिए रैंप से व्हीलचेयर पर बिठाकर खींचकर ले जाना पड़ रहा है। डायलिसिस कराकर दोबारा रैंप से ही नीचे लाया जाता है, जोकि एक जोखिम पूर्ण कार्य है। वहीं गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग मरीजों को यहां दिक्कत हो रही हैं।
लीखी गांव से आए अरविंद ने बताया कि वे अपने 79 वर्षीय पिता संतोष कुमार की डायलिसिस कराने आए है। उनके पिता की सप्ताह में दो बार डायलिसिस होती है। गत शनिवार को भी अपने पिता को लेकर आए थे। उस दौरान भी पानी भरने के कारण लिफ्ट बंद पड़ी थी।
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यमुना खादर के बागपुर गांव से आए प्रदीप ने बताया कि वो भी अपने पिता की डायलिसिस कराने आए हैं। व्हील चेयर की कमी के चलते उन्हें गोदी में उठाकर दूसरी मंजिल में लेकर आए हैं। जोकि काफी जोखिमपूर्ण काम है। मजबूरी में सीढ़ियां चढ़ने से बुजुर्गों की सांसे फूल रही हैं। उन्हें बार-बार सीढ़ियों पर बैठना पड़ रहा है।
मेंटेनेंस का ठेका भी समाप्त
बता दें कि 2014 में सौ बेड के अस्पताल के नए भवन का निर्माण किया गया था। जिसमें जिनमें मरीजों व स्टाफ के लिए करीब दो लिफ्ट लगाई गई हैं। कार्यरत कर्मियों ने बताया कि लिफ्ट के मेंटेनेंस का ठेका भी जुलाई माह में ही समाप्त हो चुका है।
जिला नागरिक अस्पताल परिसर में लगी लिफ्ट में पानी कहां से आया। इसकी जांच की जा रही है। ऐसा लगता है कि सीवरेज बंद होने के कारण ही लिफ्ट में पानी आया होगा। फिलहाल बिजली की मोटर लगाकर पानी को निकला दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से लिफ्ट की पावर सप्लाई को बंद कर दिया गया है। वहीं लिफ्ट की मेटीनेंस करने वाली एजेंसी का बजट पास कराने के लिए उच्चाधिकारियों के पास प्रपोजल भेजा हुआ है। - डा. सुरेश बुरोलिया, एसएमओ, जिला नागरिक अस्पताल
मौका मुआयना करने के बाद लगता है कि कोई सीवरेज लाइन लीकेज हो रही है। जिसके कारण दीवारों से पानी लीकेज हो रहा है। सीवरेज की खोदाई कराकर लीकेज को बंद कराया जा रहा है। - साेनू जेई, लोक निर्माण विभाग, पलवल

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