यमुना का जलस्तर घटा, पर खतरा बरकरार: पलवल में बाढ़ से प्रभावित गांवों में राहत और चुनौतियां एक साथ
पलवल में यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद खतरे के निशान से ऊपर है। कई गांवों में पानी भर गया है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है और पशुओं के चारे का संकट गहरा गया है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी हैं और लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है।

जागरण संवाददाता, पलवल। जनपद में लगातार कम होते पानी से राहत के संकेत तो मिल रहे हैं, लेकिन अभी भी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मुसीबत बरकरार है। इंदिरा नगर, मोहबलीपुर, गुरवाडी, बागपुर, राजुपुर, दोस्तपुर, लहरपुर, सदुआगढ़ी में आबादी तक पानी पहुंच गया है। खेत पहले ही पानी के कारण जलमग्न हो चुके हैं। प्रशासन द्वारा पहले ही इंदिरा नगर और मोहबलीपुर की 600 की आबादी को राहत शिविरों में भेजा जा चुका है।
पशुओं के चारे का संकट
सदुआगढ़ी में यमुना का जलस्तर बढ़ने से घरों के सामने पानी भर गया। खादर के जंगल के अलावा बांगर के जंगल में भी यमुना का पानी घुसने लगा है, जिसके कारण किसानों को पशुओं के चारे के किए बोई गई फसल खराब होने का डर भी सता रहा है। किसानों का कहना है कि खादर के जंगल मे पहले ही पशुओं के चारे के लिए बोई गई फसल बर्बाद हो चुकी है,अब बांगर के जंगल में भी धीरे धीरे पानी घुसने लगा है। अगर यमुना का जलस्तर औऱ बढा तो पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
मंदिर में शरण लेने को मजबूर
हसनपुर ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले सती का नगला में पानी भर जाने के कारण लोगों को मंदिर में शरण लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। नगला के लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा अभी तक कोई राहत शिविर नही बनाए हैं। तीन दिन पहले प्रशासन के द्वारा प्रति परिवार 5 किलो आटा दिया गया था। उसके बाद शनिवार को प्रति मवेशी 4 किलो से 5 किलो पशुओं का चारा भूसा दिया गया है। जबकि एक दिन में एक मवेशी 10 से 12 किलो भूसा खा जाती है। लोगों का यह भी कहना है कि गांव में लगभग 80 परिवारों के यहां मवेशी पाले गए हैं। औऱ प्रशासन द्वारा केवल चार, पांच क्विंटल भूसा बांटा गया है, जो काफी कम है।
5200 एकड़ से ज्यादा फसल डूबी
जिले के यमुना किनारे बसे गुरवाड़ी, बागपुर, पहलादपुर, राजूपुर, दोस्तपुर, भोल्डा, सोलड़ा, शेखपुर, अतवा, काशीपुर, फाटनगर, सदुआगड़ी, माहोली, मोहबलीपुर, इंदिरा नगर, लहरपुर, रहीमपुर, बलई, बिल्लोचपुर, थंथरी, हसनपुर आदि गांवों में बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं। बाढ़ से किसानों की ज्यादातर फसल तबाह हो चुकी है। अभी तक यमुना के किनारे बसे करीब 20 गांवों की 5200 एकड़ से ज्यादा फसल में पानी ने नुकसान पहुंचाया है।
खादर के गांवों को जोड़ने वाली सड़क नहीं हुई दुरुस्त
बागपुर समेत खादर के गांवों को मोहना से जोड़ने वाली सड़क को दुरुस्त नहीं किया गया है। हालांकि शनिवार को उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने सडक़ के टूटने का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया और सडक को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। बता दें कि बीते शुक्रवार को बागपुर समेत खादर के गांवों को मोहना से जोड़ने वाली सड़क को प्रशासन द्वारा जेसीबी से खोद दिया गया था।
इससे पानी बागपुर की आबादी तक पहुंच गया। जानकारी के अनुसार पानी सड़क के ऊपर से बह रहा था और सड़क दो जगह से टूट गई थी, इसी कारण प्रशासन ने खोदाई की, ताकि सड़क बाकी जगह से न ढहे। गांव के सरपंच प्रतिनिधि कृष्णपाल गुड्डू भाटी के अनुसार इससे खादर के गांवों का संपर्क मोहना से कट गया है।
मनाही के बावजूद लोगों का तांता
प्रशासन द्वारा यमुना से दूर रहने की मुनादी कराने के बाद भी लोग नदी किनारे पहुंच रहे हैं। यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए यमुना नदी पर लोगों का तांता लगा हुआ है। जान की प्रवाह किए बगैर ग्रामीण यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा यमुना नदी के पास जाने से रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऐसे में यमुना नदी के तेज बहाव के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
बागपुर सबस्टेशन के आस-पास भरा पानी
यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण बागपुर सबस्टेशन के आस-पास तक पानी पहुंच गया है। चारों तरफ जलभराव हो गया है। बिजली निगम के एसडीओ विशाल निगम का कहना है कि ऊंचाई पर बने होने के कारण सबस्टेशन में पानी आना मुश्किल है। कोई खतरे की बात नहीं है। हमारी नजर बनी हुई है। बता दें 66केवी के इस सबस्टेशन से खादर के सारे गांवों में बिजली आपूर्ति है।
उपायुक्त ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा
शनिवार को भी बाढ़ प्रभावित गांवों का उपायुक्त डाॅ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने दौरा किया तथा ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ई क्षतिपूर्ति पोर्टल 15 सितंबर तक खोला गया है। ग्रामीण अपनी फसलों के हुए नुकसान को लेकर पोर्टल पर अपना पंजीकरण जरूर करवा लें।
यमुना के किनारे निचले क्षेत्रों में न जाएं
उन्होंने बताया जिला सचिवालय में बाढ़ राहत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जिसमें 24 घंटे नियमित रूप से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। फ्लड कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर पलवल-01275-298160 और होडल हेल्पलाइन नंबर 01275-235836 पर सूचना दी जा सकती है। उपायुक्त डाॅ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने आमजन से अपील की है कि वे बच्चों और पशुओं को यमुना के किनारे निचले क्षेत्रों में न जाने दें और पूरी सावधानी बरतें।
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