पलवल में बाढ़ का खतरा बढ़ा, खाली कराए दो गांव और आठ सरकारी स्कूलों की छुट्टी
पलवल में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने से खादर क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने इंदिरा नगर और मोहबलीपुर गांवों को खाली करा लिया है तथा यमुना किनारे के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद 20 गाँवों को अलर्ट किया गया है।

जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल में बुधवार शाम को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया, इससे खादर के कई गांवों में बाढ़ की आशंका गहरा गई है। यमुना नदी खतरे के निशान 615 फुट के करीब बहती हुई नजर आई।
बाढ़ का पानी यमुना नदी किनारे बसे खादर के गांवों के खेतों में पहुंच गया है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए इंदिरा नगर और मोहबलीपुर गांवों को खाली करा लिया गया। वहीं यमुना नदी किनारे बसे गांवों के आठ सरकारी स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार यमुना में हथनी कुंड बैराज से सोमवार सुबह तीन लाख 39 हजार क्यूसेक पानी बुधवार को पहुंचना शुरू हो गया। इसे देखते हुए प्रशासन ने 20 गांवों को बाढ़ की दृष्टि से अलर्ट पर कर दिया है।
जिले में यमुना के करीब 40 किलोमीटर क्षेत्र में बसे गुरवाड़ी, बागपुर, पहलादपुर, राजूपुर, दोस्तपुर, भोल्डा, सोलड़ा, शेखपुर, अतवा, काशीपुर, फाटनगर, सदुआगड़ी, माहोली, मोहबलीपुर, इंदिरा नगर, लहरपुर, रहीमपुर, बलई, बिल्लोचपुर, थंथरी, हसनपुर आदि गांवों में बाढ़ के पानी को लेकर अलर्ट है।
यमुना किनारे बसे गांवों में पहले ही लगातार वर्षा और पहले छोड़े गए पानी से करीब तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित हो चुकी है। अब आशंका जताई जा रही है कि पांच से आठ हजार एकड़ तक की फसल प्रभावित हो सकती है।
ग्रामीणों को राहत शिविरों में किया गया शिफ्ट
सबसे ज्यादा खतरा मोहबलीपुर और इंदिरा नगर में है। इन गांवों की 600 के करीब की आबादी को मुस्तफाबाद और अच्छेजा के सरकारी स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों में भेज दिया गया है। प्रशासन द्वारा यहां पर ग्रामीणों के रहने , खाने और सोने की व्यवस्था की है। साथ ही ग्रामीणों के मवेशियों के लिए भी इंतजाम किए गए हैं।
खेतों में घुसा पानी, आबादी पर अभी खतरा नहीं
अभी तक यमुना नदी के पानी से आबादी को ज्यादा खतरा नहीं है, लेकिन बुधवार को पहले से ही पानी में डूबे किसानों के खेतों में और पानी घुस गया। प्रशासन का पूरा जोर आबादी में पानी को घुसने से रोकने पर है। इसके लिए गांवों की आबादी के करीब सिंचाई विभाग द्वारा रेती से भरे कट्टों के तटबंध बनाने का कार्य जोर-शोर से जारी रहा।
स्कूलों में अवकाश की घोषणा
यमुना से सटे गांव के स्कूलों में दो दिन के अवकाश की घोषणा कर दी गई है। यमुना किनारे बसे बागपुर, गुरवाडी, माहोली, सदुआगढ़ी, फाटनगर, अतवा, बिलोचपुर, लहरपुर में बृहस्पतिवार को अवकाश घोषित किया गया है। हालात बिगड़ने पर अवकाश आगे भी बढ़ता जा सकता है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार गांवों के सरपंचों से सम्पर्क बनाए हुए हैं। ग्राम सरपंचों के द्वारा मुनादी कराकर लोगों को यमुना नदी से दूर रहने की अपील की जा रही है। गांव में मवेशियों के लिए भी अलग से स्थान सुनिश्चित किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि अभी यमुना का पानी खेतों तक ही पहुंचा है। लहरपुर गांव के सरपंच प्रतिनिधि खेमचन्द ने बताया कि अगर यमुना का जलस्तर ज्यादा बढ़ता है तो गांव की फिरनियों में पानी पहुंच सकता है। अगर ऐसी स्थिति बनती है तो लोगों को स्कूल में बने राहत शिविर में शिफ्ट किया जाएगा।
ट्रैक्टर पर बैठकर प्रभावित गांवों में पहुंचे उपायुक्त
उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बुधवार को यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित गांवों का दौरा किया। यमुना में बढ़ते जलस्तर के दृष्टिगत ट्रैक्टर पर बैठकर संबंधित अधिकारियों के साथ जिले के जल प्रभावित गांवों इंद्रानगर, मोहबलीपुर व मुस्तफाबाद आदि दौरा करते हुए वास्तविक स्थिति का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने गांवों में ग्रामीणों से रू-ब-रू होते हुए ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार और जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट है।
उपायुक्त ने ग्रामीणों से आह्वान किया कि जल प्रभावित गांवों के ग्रामीण जल्द से जल्द गांवों को खाली कर दें और जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए सेफ हाउस में शरण लें। अपने पशुओं को भी निर्धारित जगहों पर सुरक्षित भिजवा दें, ताकि स्थिति किसी भी प्रकार की स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके। जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए सेफ हाऊस में किए गए आवश्यक प्रबंधों और सुविधाओं जैसे दवाइयों का स्टाक, खाद्य सामग्री, बिजली-पानी की व्यवस्था आदि का भी निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी करने के आदेश देते हुए कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। इस अवसर पर मोहबलीपुर गांव के ग्रामीणों ने उपायुक्त के समक्ष सौ-सौ गज के प्लाट उपलब्ध कराने की मांगी रखी। उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीणों की मांग को सरकार के पास भिजवा दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने इंदिरा नगर के रास्ते को ऊंचा कर पक्का बनवाने का भी आश्वासन किया।
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