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    पलवल-अलीगढ़ हाईवे चौड़ीकरण पर मुआवजे का विवाद गहराया, किसानों ने मांगा 8 करोड़ प्रति एकड़

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 12:38 PM (IST)

    पलवल में संयुक्त किसान मोर्चा ने राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध किया है। उन्होंने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है क्योंकि वर्तमान मुआवजा बाजार भाव से बहुत कम है। मोर्चा ने आठ करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है और फसलों के नुकसान के लिए भी मुआवजे की मांग की है। प्रशासन से गिरदावरी कराकर मुआवजा देने की मांग की गई है।

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    पलवल-अलीगढ़ हाइवे के लिए अधिग्रहित जमीन का आठ करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए

    जागरण संवाददाता, पलवल। संयुक्त किसान मोर्चा ने पलवल-अलीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334 के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हुए किसानों के लिए उचित मुआवजे की मांग की है। मोर्चा का कहना है कि सरकार द्वारा दिया जा रहा मुआवजा बाजार भाव से बहुत कम है। मोर्चा ने सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे को किसानों की जमीन की लूट बताते हुए, प्रभावित किसानों को आठ करोड़ रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने की मांग की है।

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    मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, रूप राम तेवतिया, धर्मचंद और ताराचंद प्रधान ने एक बैठक के बाद हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन से यह मांग उठाई। उनका कहना है कि इस राजमार्ग के आसपास जमीन का बाजार भाव लगभग आठ करोड़ रुपये प्रति एकड़ है, जबकि सरकार ने केवल 45 लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने का फैसला किया है।

    किसान नेताओं ने प्रभावित किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन दिया और कहा कि अगर किसान आंदोलन का सहयोग चाहेंगे, तो मोर्चा उनके साथ खड़ा रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भारी बारिश और जलभराव से नष्ट हुई फसलों के लिए भी मुआवजा देने की मांग दोहराई। मोर्चा ने 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजे और पानी की निकासी की व्यवस्था करने की मांग की है। इस मुद्दे पर मोर्चा ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपे हैं और 10 व 11 सितंबर को उपायुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया था।

    किसान नेताओं के अनुसार 18 सितंबर को मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त हरीशचंद्र वशिष्ठ से मिलकर विशेष गिरदावरी कराके किसानों को मुआवजा दिलवाने की मांग की थी। उपायुक्त ने जल्द गिरदावरी कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक अधिकांश गांवों में खेतों पर कोई गिरदावरी नहीं हुई है और न ही पानी निकासी की कोई व्यवस्था की गई है। इससे किसानों में भारी रोष है। किसान मोर्चा ने जिला प्रशासन से तुरंत गिरदावरी कराने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।

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