पलवल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फूंके पुतले, किसानों ने मनाया कार्पोरेशन भारत छोड़ो दिवस
पलवल में संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत छोड़ो दिवस पर प्रदर्शन किया। किसानों ने एफटीए और सीईटीए समझौतों का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के पुतले जलाए। उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी मुकदमे वापस लेने और बिजली कानून रद्द करने की मांग की। किसान नेताओं ने सरकार पर साम्राज्यवादी ताकतों के आगे झुकने का आरोप लगाया।

जागरण संवाददाता, पलवल। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कार्पोरेशन भारत छोड़ो दिवस के मौके पर किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों ने प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और कम्प्रिहेन्सिव इकोनामिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट की प्रतियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के पुतले जलाए। यह प्रदर्शन जवाहर सिंह रावत की अध्यक्षता में गुर्जर धर्मशाला में आयोजित किया गया।
केंद्र सरकार पर लगाए संगीन आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मास्टर महेंद्र सिंह चौहान और सोहनपाल चौहान ने कहा कि मोदी सरकार एक तरफ उग्र राष्ट्रवाद का नारा देती है। वहीं दूसरी तरफ साम्राज्यवादी ताकतों के आगे घुटने टेककर देश और जनता के हितों से विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा कि एफटीए और सीईटीए जैसे समझौते भारतीय किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक हैं और ये देश पर विदेशी नियंत्रण को और मजबूत करेंगे।
एमएसपी पर मांगी कानूनी गारंटी
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि ये समझौते भारतीय बाजारों को फिर से विदेशी ताकतों के हवाले करने की साजिश हैं, जैसा कि औपनिवेशिक काल में ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था। उन्होंने कहा कि ये समझौते कई संवेदनशील क्षेत्रों में आयात की बाढ़ लाएंगे, जिससे भारतीय किसानों और छोटे उद्यमों को भारी नुकसान होगा। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें कहा गया गया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए।
दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग
किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं। बिजली कानून वापस लिया जाए। पलवल जिले में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए। कृषि कार्य के लिए आठ घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए। आवारा पशुओं पर रोक लगाई जाए। लैंड पूलिंग पालिसी को वापस लिया जाए। प्रदर्शन में रमेशचंद सौरौत, दरियाब सिंह, चंद्र मुनि आर्य सहित कई अन्य किसान नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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