लुटेरों का सिर मुंडवाकर पुलिस ने गांव में कराई परेड, विहिप सह सेवा प्रमुख के घर 55 लाख की लूट का पर्दाफाश
पलवल में क्राइम ब्रांच ने धौलागढ़ लूट के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी नवीन पीड़ित का पड़ोसी और रिश्तेदार है। आरोपियों ने 55 लाख की लूट को अंजाम दिया जिसमें नगदी सोना और वाहन शामिल थे। पुलिस ने आरोपियों का सिर मुंडाकर गांव में परेड कराई और बरामदगी के लिए उन्हें रिमांड पर लिया है।

जागरण संवाददाता, पलवल। क्राइम ब्रांच पलवल की टीम ने धौलागढ़ में 55 लाख की लूट का कुछ ही घंटों में खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य साजिशकर्ता नवीन ने अपने तीन साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया था।
मुख्य आरोपी नवीन पीड़ित ओमप्रकाश का पड़ोसी है। सभी आरोपी धौलागढ़ के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने मंगलवार शाम को आरोपियों का सिर मुंडवाकर गांव में परेड भी कराई। क्राइम ब्रांच पलवल की टीम ने लूटी गई राशि और वाहनों की बरामदगी के लिए चारों को रिमांड पर लिया है।
क्राइम ब्रांच पलवल के प्रभारी दीपक गुलिया ने बताया कि रविवार की देर रात को धौलागढ़ में रहने वाले टाइल कारोबारी और विश्व हिंदू परिषद के हरियाणा प्रांत सह सेवा प्रमुख ओमप्रकाश शर्मा, उनकी पत्नी व बेटे को बंधकर बनाकर नकाबपोश युवकों ने लूट की थी।
आरोपियों घर से 22 लाख की नगदी और 30 तोला सोना लूटने के साथ-साथ बाइक और स्कूटी भी लेकर फरार हो गए थे। पीड़ित ओमप्रकाश की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई थी।
क्राइम ब्रांच पलवल की टीम ने मामले की जांच शुरू की तो गांव के लोगों ने इस मामले में ओमप्रकाश के पड़ोसी नवीन और उसके साथियों पर शक जताया। आरोपियों की रात के समय गांव में आवाजाही भी देखी गई थी।
इसके बाद टीम ने आरोपियों से गहन पूछताछ की। पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ में नवीन ने बताया कि उसने गांव के ही सचिन, रविंद्र उर्फ रवि और धर्मेंद्र उर्फ मोनू के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया।
इसके बाद टीम ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार शाम को सभी आरोपियों को गंजा कर गांव में परेड कराई गई और पीड़ित ओमप्रकाश के घर पर निशानदेही भी कराई।
ओमप्रकाश के मकान से सटा है मुख्य आरोपी का मकान
मिली जानकारी के अनुसार इस वारदात का मुख्य साजिशकर्ता नवीन रिश्ते में ओमप्रकाश के बुआ का पौत्र लगता है। आरोपी का मकान ओमप्रकाश से सटा हुआ है। नवीन का एक भाई वकील और दूसरा पुलिस में है।
उसके पिता बीमा पाॅलिसी बनाने का काम करते हैं। नवीन का ओमप्रकाश के घर आना-जाना था और उसे घर में रखी नकदी व जेवरातों की भनक लग गई थी।
इस लूट में उसने अपने साथियों सचिन, रविंद्र उर्फ रवि और धर्मेंद्र उर्फ मोनू को साथ लिया। सभी ने मिलकर रविवार रात को एक बजे लूट की योजना बनाई। पड़ोसी और रिश्तेदारी होने के कारण नवीन ओमप्रकाश के घर के कोने-कोने से परिचित था।
इसीलिए सभी आरोपी रात को चुपचाप नवीन की छत पर इकट्ठा हुए और वहां से ओमप्रकाश के घर में दाखिल हो गए। सभी ने पहचान छिपाने के लिए अपने चेहरे पूरी तरह से कपड़े से ढके हुए थे। इसके बाद आरोपियों ने घर के सभी सदस्यों को रस्सियों के सहारे कुर्सियों से बांध दिया और मुंह पर टेप लगा दी।
जांच भटकाने के लिए स्कूटी और बाइक ले गए थे आरोपी
आरोपी भागने के लिए पीड़ित की ही स्कूटी और बाइक ले गए। ताकि पुलिस को लगे कि आरोपी दूर-दराज से आए थे। इसके बाद आरोपी हथीन की तरफ भाग गए और दोनों वाहनों को वहीं छोड़कर कुछ देर बाद अपने घरों को लौट गए। वारदात के बाद आरोपी पीड़ित ओमप्रकाश को सांत्वना भी दे रहे थे।
चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया
पुलिस के अनुसार, आरोपी बेरोजगार थे और यह उनकी पहली वारदात थी, हालांकि साथ लगते जिलों और राज्यों से इनके रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।
लूटी गई राशी, जेवरात, वाहन और वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियारों को बरामद करने के लिए आरोपियों को अदालत में पेश कर चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
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