खस्ताहाल केएमपी एक्सप्रेसवे पर सफर खतरे से भरा, टोल वसूली के बावजूद टूटी सड़कें और अवैध कट बढ़ा रहे जोखिम
खस्ताहाल केएमपी एक्सप्रेसवे पर सफर जोखिम भरा है। टोल वसूली के बावजूद सड़कें टूटी हैं और अवैध कट दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा रहे हैं। एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों की कमी है, जिससे रात में सफर करना और भी खतरनाक हो जाता है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसकी तत्काल मरम्मत की जानी चाहिए।

कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे का सफर यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
कुलवीर चौहान, पलवल। कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे का सफर यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। पलवल से मानेसर तक करीब 55 किलोमीटर की परिधि में एक्सप्रेस की स्थिति बेहद खस्ता है। एक्सप्रेस की टूटी सड़क, अवैध कट, स्ट्रीट लाइट का न होना व सड़क किनारे खड़े वाहन हादसों का कारण बन रहे हैं। वाहन चालक लगातार इसकी शिकायत एक्सप्रेसवे का रखरखाव और टोल वसूलने का काम संभाल रही एचएसआईआईडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम) से कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
केएमपी एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करते समय दावा किया गया था कि इसपर सफर पूरी तरह से सुरक्षित और सुगम रहेगा। वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। मगर एक्सप्रेस वे बदहाल स्थिति में है। रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में भी जिला उपायुक्त कई बार टूटी सड़कों के निर्माण, अवैध कट बंद करने व अवैध ढाबों को हटाने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन स्थिति जस की तस है।
एक्सप्रेस वे की सड़क कई जगहों से उखड़ गई है और कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढों बने गए हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि गहरे गड्डों की वजह से गाड़ी के टायर तक फट रहे हैं। जगह-जगह अवैध कट हादसों को न्यौता दे रहे हैं। इन कटों से बेसहारा पशु भी सड़क पर दाखिल हो जाते हैं। अचानक तेज गति से आ रहे वाहनों के सामने इन पशुओं के आ जाने से यहां दुर्घटना की संभावनाएं बनी रहती है।
कई स्थानों पर लाइट लगाई ही नहीं गई हैं। ऐसे में रात के समय रोशनी न होने के कारण राहगीरों को गड्ढे दिखाई भी नहीं देते हैं। कई किलोमीटर तक सड़क पर कई स्थानों से सफेद पट्टी गायब हैं और रिफ्लेक्टर भी कहीं नजर नहीं आते। साथ ही एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहन और तिपहिया वाहन के चलने पर रोक है। मगर यह एक्सप्रेस वे की सड़क पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। आपातकालीन सेवाओं की कमी के कारण हादसा होने पर आधा घंटे तक भी पीड़ित को सहायता नहीं मिल पाती।
सड़कों की मरम्मत का भी चल रहा कार्य
एक्सप्रेसवे की बदहाल हालत को सुधारने के लिए लगातार कार्य भी चल रहा है। करीब 50 करोड़ की लागत से मानेसर से पलवल तक करीब 45 किलोमीटर की परिधि में मार्ग पर मौजूद गड्डे भरकर सड़क की नई परत बिछाई जा रही है। इस माह की शुरुआत से यह कार्य चल रहा है। लेकिन पलवल की सीमा में बड़े-बड़े गड्डे हर दिन राहगीरों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। लोगों ने मरम्मत का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है।
सड़क किनारे खड़े रहते हैं बड़े ट्रक, बने हैं ढाबे
केएमपी पर सबसे ज्यादा आवागमन भारी वाहनों का है यह वाहन सड़क किनारे अवैध तरीके से बनाए गए ढाबों पर खड़े हो जाते हैं। इससे हादसों का खतरा बना रहता है।
लाखों रुपये के कलेक्शन के बावजूद नहीं मिल रही सुविधाएं
एक्सप्रेस पर रोजाना 60 हजार वाहन आवागमन करते हैं। यहां पर विभिन्न स्थानों पर लगे टोल प्लाजा पर प्रतिदिन लाखों का टोल वसूला जाता है। पलवल की सीमा में एक्सप्रेसवे की शुरुआत में ही टोल पड़ता है। इसके बाद दूसरा टोल दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर जाने के लिए खेड़ा खलीलपुर गांव स्थित बना हुआ है। सोहना, तावडू इंटरचेंज पर भी टोल प्लाजा हैं। साथ ही कुंडली तक आगे कई टोल हैं। मगर भारी भरकम टोल वसूलने के बावजूद सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
"रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में कई बार गड्डों को भरने के निर्देश दिए जाते हैं। केएमपी एक्सप्रेस पर सड़क की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अन्य समस्याओं का भी जल्द समाधान कराया जाएगा।"
-डाॅ. हरीश वशिष्ठ, जिला उपायुक्त
यह भी पढ़ें- केएमपी एक्सप्रेसवे: पलवल-मानेसर खंड की मरम्मत शुरू, छह महीने में पूरा होगा काम; 49 करोड़ रुपये की आएगी लागत

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।