दक्षिण हरियाणा की खेल नर्सरियों की व्यवस्था चौपट, छह जिलों के 5900 खिलाड़ियों को 9 माह से नहीं मिली डाइट मनी
हरियाणा के दक्षिण क्षेत्र में खेल नर्सरी की व्यवस्था चरमरा गई है। छह जिलों के लगभग 5900 खिलाड़ियों को पिछले नौ महीनों से डाइट मनी नहीं मिली है, जिससे ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
अंकुर अग्निहोत्री, पलवल। मेडल जीतने पर सरकार खिलाड़ियों को पलकाें पर बैठाकर कैश अवार्ड व अन्य सम्मानों से लाद देती है, लेकिन उसके खिलाड़ी बनने के सफर में उसकी सुध नहीं ली जाती। प्रदेश की खेल नर्सरियों में अभ्यास कर रहे खिलाड़ियों को नौ महीने से डाइट मनी नहीं मिला है।
अपनी जेब से खर्च कर रहे खिलाड़ी
दक्षिण हरियाणा के छह जिलों में 237 खेल नर्सरियों में नौ माह (अप्रैल से दिसंबर तक) से अभ्यास कर रहे 5900 से अधिक खिलाड़ियों को डाइट मनी नहीं मिली है। नेटबाल, हाकी, फुटबाल, वालीबाल सहित अन्य खेलों की यह नर्सरियां सरकारी व निजी शिक्षण संस्थाओं में संचालित हो रही हैं, लेकिन खिलाड़ियों को अपने खाने पर अपनी जेब से ही खर्च करना पड़ रही, जबकि राज्य सरकार खिलाड़ियों को डाइट मनी देती है।
एक तो मुख्यालय से ही देरी से बजट जारी हाेता है, दूसरा जिला स्तर पर एक-डेढ़ महीने में ही डाइट मनी खिलाड़ियों के बैंक खातों में जाती है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खोली गई इन नर्सरियों में अभ्यास कर रहे खिलाड़ियों को हर माह मिलने वाले डाइट भत्ते का इंतजार है। स्थानीय अधिकारियों की ओर से डिमांड भी भेजी जा रही है, लेकिन मुख्यालय से राशि जारी नहीं हो पाई है। एक खिलाड़ी के लिए आयु वर्ग के हिसाब से 1500 रुपये से दो हजार रुपये तक की राशि हर महीने डाइट मनी के रूप में मिलती है।
इस हिसाब से छह जिलों पलवल, गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व सोनीपत 5900 हजार से अधिक खिलाड़ियों के नौ महीने के नौ करोड़ से अधिक रुपए मुख्यालय में अटके हुए हैं। डाइट मनी नहीं मिलने से खिलाडियों का मनोबल टूट रहा है। नर्सरियों में पर्याप्त खिलाड़ी नहीं पहुंच पा रहे। एक नर्सरी संचालित रखने के लिए 25 खिलाड़ी होने चाहिए, ताकि उन्हें प्रशिक्षण दिया जा सके। कम खिलाड़ी होने पर नर्सरी पर बंद होने की नौबत आ जाती है। खिलाड़ियों का खेलों में रुझान घटने का कारण भत्ता समय पर नहीं मिल पाना भी है।
पिछले साल का भत्ता अब मिलना हुआ शुरू
पिछले साल की खेल नर्सरियों के खिलाड़ियों को डाइट मनी इस साल मिलनी शुरू हुई है, जबकि अब तो यह सत्र समाप्त होने वाला है। यह राशि खिलाड़ियों को अभ्यास के दौरान मासिक दी जानी था, ताकि वह बेहतर खुराक लेकर खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
हर चार या तीन माह में आती है राशि
हर चार या तीन माह में एक बार खिलाड़ियों के खातों में डाइट मनी का पैसा डाला जाता है। अप्रैल से लेकर 8 से 14 साल के खिलाड़ी को 1500 रुपरु और 15 से 19 साल के खिलाड़ी को 2 हजार रुपये डाइट पर महीने के हिसाब से दिए जाते हैं। यह राशि सीधे खिलाड़ियों के खाते में भेजी जाती है। खेल मुख्यालय की तरफ से प्राइवेट नर्सरी में खिलाड़ियों को अभ्यास करवाने वाले प्रशिक्षकों को वेतन दिया जाता है। अगर किसी नर्सरी में खिलाड़ी और प्रशिक्षक नियमित रूप से नहीं आ रहे हों तो उसे बंद भी कर दिया जाता है।
खिलाड़ियों को बायोमीट्रिक हाजिरी के बाद मिलेगी डाइट मनी
खेल नर्सरी में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों के लिए सुबह-शाम बायोमीट्रिक मशीन में हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दिया है। जिस खिलाड़ी की हाजिरी नियमित रूप से लगेगी उसे ही डाइट भत्ता सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। इससे पहले कई बार देखने में आया था कि नर्सरी में चयनित खिलाड़ियों की जगह दूसरे खिलाड़ियों को योजना का लाभ दे दिया जाता था। अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
दक्षिण हरियाणा के सात जिलों में खेल नर्सरियों की स्थिति
जिला | कुल खेल नर्सरी | कुल खिलाड़ी |
गुरुग्राम | 33 | 825 |
सोनीपत | 64 | 1600 |
रेवाड़ी | 33 | 825 |
पलवल | 33 | 825 |
नारनौल | 40 | 1000 |
नूंह | 34 | 850 |
| फरीदाबाद | एक | बंद |
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