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    NCR समेत पलवल में दीपावली पर केवल हरित पटाखों की अनुमति, निगरानी को गठित होंगी टीमें; बिक्री को स्थान और समय तय

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 05:06 PM (IST)

    दीपावली पर एनसीआर समेत पलवल में केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। नियमों का पालन कराने के लिए निगरानी टीमें गठित की जाएंगी। पटाखों की बिक्री के लिए स्थान और समय निर्धारित कर दिया गया है। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, पलवल। सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशा-निर्देशों के साथ एनसीआर समेत पलवल जिले में दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और चलाने की अनुमति प्रदान की गई है।

    लघु सचिवालय में बैठक करते हुए जिला उपायुक्त डाॅ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार नीरी (एनईईआरआई) की वेबसाइट से प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री 18 अक्टूबर 2025 से 20 अक्टूबर 2025 तक ही जारी रहेगी।

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    इसकी निगरानी के लिए जिला और खंड स्तर पर टीम भी गठित की गई है। उन्होंने सभी नागरिकों और अधिकारियों व कर्मचारियों को दीपावली के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंगलमय कामना की और इको फ्रेंडली दीपावली मनाने का आह्वान किया।

    उपायुक्त ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इन उत्पादों की बिक्री पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में केवल निर्दिष्ट स्थानों पर ही की जा सकेगी, जिन्हें जिला आयुक्त द्वारा पुलिस अधीक्षक के परामर्श से चिन्हित किया जाएगा और व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

    पुलिस अधिकारी, जिला प्रशासन के परामर्श से बिक्री के निर्दिष्ट स्थानों पर निगरानी रखने के लिए गश्ती दल गठित करेंगे, जिनमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के क्षेत्रीय कार्यालयों से नामित अधिकारी भी शामिल होंगे।

    यह गठित दल नीरी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हरित पटाखा उत्पादों और दिए गए पंजीकरणों के साथ व्यक्तिगत निर्माताओं को जारी किए गए क्यूआर कोड की जांच करेगी। यह निर्धारित स्थानों पर नियमित रूप से जांच कर यह सुनिश्चित करेगी कि केवल अनुमति वाले स्थानों पर क्यूआर कोड के साथ उत्पाद ही बेचे जाएं।

    टीम द्वारा जांच के लिए इन पटाखा उत्पादों के नमूने भी लेंगे, जिन्हें पीईएसओ को भेजा जाएगा। उल्लंघन पाए जाने पर, प्रतिबंधित उत्पादों के निर्माण या बिक्री में शामिल लोगों की जिम्मेदारी होगी, जिन्हें न केवल दंडित किया जाएगा, बल्कि पीईएसओ या नीरी से उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।

    उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करेंगे कि पटाखों का उपयोग दीपावली से एक दिन पहले और दीपावली के दिन सुबह छह बजे से सात बजे तक और रात आठ बजे से रात दस बजे तक ही सीमित रहे।

    नीरी द्वारा प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री केवल पीईएसओ से लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से ही की जाएगी। ऐसे पटाखे जो लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं द्वारा निर्मित नहीं है, उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा।

    उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एनसीआर में बेरियम युक्त पटाखों और नीरी द्वारा ग्रीन पटाखे के रूप में अनुमोदित नहीं किए गए पटाखों के उपयोग की अनुमति नहीं होगी और यदि ये बिक्री के लिए या किसी व्यक्ति के कब्जे में पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा लड़ी पटाखों का निर्माण या बिक्री प्रतिबंधित की गई।

    25 अक्टूबर तक AQI की निगरानी जरूरी

    उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों में स्थित उनके संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों के परामर्श से, अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक की निगरानी 25 अक्टूबर तक रखने के निर्देश दिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।

    इसमें प्रत्येक दिन की वायु गुणवत्ता का उल्लेख होगा। ऐसी निगरानी के साथ-साथ, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के क्षेत्रीय कार्यालय, विश्लेषण के लिए अधिक घनत्व वाले स्थानों से रेत और पानी के नमूने भी लेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि यह छूट केवल परीक्षण के आधार पर है और यह केवल निर्दिष्ट अवधि के लिए ही लागू होगी।

    इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जयदीप कुमार, एसडीएम ज्योति, सीईओ जिला परिषद जितेंद्र कुमार, सीटीएम अप्रतिम सिंह, चीनी मिल प्रबंध निदेशक द्विजा, डीआईपीआरओ बिजेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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