Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जैवंत गांव को अब भी नसीब नहीं पानी

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 31 Aug 2020 04:35 PM (IST)

    हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर बसे पुन्हाना उपमंडल के जैवंत गांव के ग्रामीण करीब 30-40 साल से पानी के लिए तरस रहे हैं। ...और पढ़ें

    Hero Image
    जैवंत गांव को अब भी नसीब नहीं पानी

    शेरसिंह चांदोलिया, नगीना

    हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर बसे पुन्हाना उपमंडल के जैवंत गांव के ग्रामीण करीब 30-40 साल से पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव की जमीन में पानी इतना खारा है, जिसे पशु भी नहीं पीते। ग्रामीण मजबूरी में पांच किलोमीटर दूर टैंकरों से पानी मंगवा कर पीते हैं। गांव में करीब 400 कुंडा हैं, जिससे ग्रामीणों का हर महीने करीब 7-8 लाख रुपये का खर्चा आ रहा है। यदि गांव में पीने के पानी की पाइपलाइन हो तो ग्रामीणों को इस समस्या से ना जूझना पड़े और ना ही पानी पर 7-8 लाख रुपये का मासिक खर्चा उठाना पड़े।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महिलाएं पानी के लिए दर-दर भटक रहीं हैं। पशु दो-दो दिन में पानी पीते हैं साथ में एक टैंकर को डलवाने के बाद उसी टैंकर के पानी को 15 दिन तक लगातार पीते हैं, जिससे बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है। पानी ज्यादा खर्च ना हो इसलिए लोग स्नान करने में भी गुरेज करते हैं। ग्रामीणों की मांग

    गांव के लोगों की मांग है कि यदि उनके गांव में पानी की पाइपलाइन कहीं दूसरे गांव से डलवाई जाए तो पानी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ में घर-घर में बने पानी के कुंडाओं से भी एक परिवार पर 50 हजार रुपये का नुकसान पड़ता है। इसलिए गांव में पाइप लाइन लगवाई जाए ताकि समस्या का समाधान हो सके। गंदे पानी को पीने को मजबूर ग्रामीण

    पानी के एक ही टैंकर को हर परिवार 15 दिन तक लगातार पीता है। इसमें कीड़े आदि पैदा हो जाते हैं, लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने आज तक गांव में ना तो पानी की पाइपलाइन डलवाई और ना ही कुंडों में दवाई डलवाई है। गांव के सभी लोग 15 दिन पुराने हुए पानी को पीने को मजबूर रहते हैं। करीब 30-40 साल से हमारे गांव में यह समस्या बनी हुई है। यदि हमारे गांव में पानी की पाइपलाइन डलवाई जाए तो पानी की समस्या से निजात मिल सकती है।

    तय्यब हुसैन, ग्रामीण गांव में खारा पानी है, इसलिए दूसरे गांव से टैंकरों से पानी मंगवाते है। एक टैंकर 800-900 रूपये में आता है। जिला प्रशासन व जन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान दे और जल्द से जल्द गांव की पानी की समस्या का समाधान करे।

    रूपचन्द, ग्रामीण सरकार हमारे गांव के विकास को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। इसके अलावा हमारे नेता भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। मंत्री या विधायक बनने के बाद मुड़कर नहीं देखते। सरकार को लोगों की पानी की समस्या दूर करनी चाहिए।

    दाऊद, ग्रामीण हमारे गांव में पानी की समस्या पिछले 30-40 साल से बनी हुई है। इसको लेकर महिलाएं खासी परेशान रहती हैं। वे दूर-दराज से पानी लाती हैं। पानी के चक्कर में महिलाएं पूरी पूरी रात सो नहीं पाती। इसलिए सरकार व जनस्वास्थ्य विभाग को हमारे गांव में हरसंभव पानी मुहैया कराना चाहिए।

    सुबानी, ग्रामीण महिला इस संबंध में पूरी जानकारी लेकर ग्रामीणों को हरसंभव पानी मुहैया कराया जाएगा। फिलहाल घर-घर टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी। जल्द ही गांव के लिए पाइपलाइन डलवाकर पानी मुहैया कराया जाएगा।

    विनोद कुमार, कार्यकारी अभियंता नूंह