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    Nuh Violence: दूसरे नोटिस पर भी नहीं पहुंचे मामन खान, क्या कांग्रेस हाईकमान के आदेश पर दिया पुलिस को चकमा?

    By Jagran NewsEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 10 Sep 2023 09:57 PM (IST)

    Nuh Violence 31 जुलाई की हिंसा मामले की जांच कर रही एसआइटी के सामने कांग्रेस के विधायक मामन खान रविवार को भी नहीं पहुंचे। उन्हें पांच सितंबर को नूंह पुलिस की ओर से दूसरी बार नोटिस देकर रविवार को पूछताछ के लिए नूंह पुलिस लाइन बुलाया गया था। बताते हैं कि सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक एसआइटी के सदस्य इंतजार करते रहे पर विधायक नहीं आए।

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    इस बार कोई संदेश भी नहीं दिया गया। फोटो- जागरण

    नूंह, जागरण संवाददाता। Nuh Violence: 31 जुलाई की हिंसा मामले की जांच कर रही एसआइटी के सामने कांग्रेस के विधायक मामन खान रविवार को भी नहीं पहुंचे। उन्हें पांच सितंबर को नूंह पुलिस की ओर से दूसरी बार नोटिस देकर रविवार को पूछताछ के लिए नूंह पुलिस लाइन बुलाया गया था। बताते हैं कि सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक एसआइटी के सदस्य इंतजार करते रहे पर विधायक नहीं आए। उनकी ओर से इस बार कोई संदेश भी नहीं दिया गया।

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    हाईकमान का आदेश मान रहे मामन खान? 

    सूत्रों के मुताबिक उन्हें पार्टी हाईकमान की ओर से कहा गया है कि वह एसआइटी की जांच में पूछताछ के लिए नहीं शामिल हों। चार सितंबर को नूंह से कांग्रेस के विधायक आफताब अहमद ने मीडिया के सामने दावा किया था कि मामन खान पर हिंसा में संलिप्तता के जो आरोप लगाए जा रहे है वह गलत हैं।

    सरकार और प्रशासन अपनी विफलता को लेकर फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान पर आरोप लगा रही है। हिंसा हो सकती है इसका इनपुट प्रशासन के पास था पर इंतजाम नहीं किए गए।

    पहले नोटिस पर कहा था बुखार है

    प्रदेश गृह मंत्री अनिल विज कई बार कह चुके हैं कि हिंसा में विधायक मामन खान की संलिप्तता की जांच की जा रही है। जबकि मामन इस बात पर सफाई दे चुके हैं कि उनका कोई लेना -देना नहीं जांच में जो भी दोषी उसके विरुद्ध कार्रवाई हो, जबकि पुलिस अधिकारी यह कह रहे हैं कि उनके पास जो इनपुट है उसको लेकर पूछताछ करना जरूरी है।

    हिंसा के आरोप में विधायक के कई समर्थक पकड़े भी जा चुके हैं। पहला नोटिस पुलिस ने विधायक को 25 अगस्त को देकर 31 अगस्त को नगीना थाने में सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था।

    एसआइटी के सदस्य डीएसपी सतीश वत्स को उनसे पूछताछ करनी थी, लेकिन विधायक ने मेडिकल भेज दिया था कि उन्हें बुखार है। कई दिन इंतजार करने के बाद दूसरा नोटिस पांच सितंबर को देकर दस सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

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