Haryana Govt School: जो था अंदेशा वही हुआ...जर्जर कमरे की छत गिरी, जागरण की पड़ताल में हुआ खुलासा
नूंह के पिनगवां में एक स्कूल के कमरे की छत गिर गई जिससे छात्र बाल-बाल बचे। शिक्षा विभाग ने Kitne Surakshit Hain School मामले को दबाने की कोशिश की। जर्जर इमारतें और शिक्षकों की कमी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है। कन्या विद्यालय की इमारत भी कंडम घोषित है जिससे छात्राएं मुश्किलों में पढ़ रही हैं। विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं।

जहीर खान, पिनगवां। Haryana school building condition झालावाड़ की तरह नूंह के एक स्कूल के कमरे की छत टूट कर गिर गई, जिसमें साइंस लैब की छत भरभरा कर गिरने से पूरी तरह तबाह हो गई।
बड़ी बात ये है कि जिस समय छत टूटकर गिरी थी, उसी कमरे के बरामदे में स्कूली छात्रों की क्लास चल रही थी। हादसे के बाद छात्र डर कर भाग खड़े हुए।
ये हादसा करीब एक सप्ताह पहले हुआ था। जिसको सिस्टम व शिक्षा विभाग के अधिकारी छिपाते रहे। लेकिन दैनिक जागरण की तरफ से कितने सुरक्षित है स्कूल एजेंडा के तहत पड़ताल के दौरान हुए इस हादसे को उजागर कर बड़ा खुलासा कर दिया।
राहतभरी खबर ये रही कि जिस समय साइंस लैब की छत गिरी थी उस समय कमरे में कोई नहीं था, वर्ना दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से झालावाड़ की तरह बड़ी घटना घट सकती थी।
नूंह के पिनगवां की है ये खबर
ये घटना है नूंह जिले के पिनगवां कस्बे के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की है। जानकारी के अनुसार ये इमारत करीब वर्ष 1960 के आसपास बनी थी, जिसके एक कमरे की छत अब से करीब करीब सात दिन पहले टूटकर गिर गई थी, जिसमें साइंस लैब पूरी तरह तबाह हो गई।
प्रिंसिपल ने बताया कि हादसे के बारे में उसी दिन आला अधिकारियों को लिखकर भेज दिया था, लेकिन हादसे के बाद मामला संज्ञान में होने के बाद भी तंत्र व शिक्षा विभाग के अधिकारी छिपाते रहे।
स्कूल में करीब 11 कमरे बेहद ज्यादा पुराने हैं, जिनको विभाग द्वारा खंडहर कमरों कंडम घोषित कर तुड़वाया भी नहीं गया।
पिनगवां के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कुल 35 कमरे हैं। जिनमें से 12 कमरे जो करीब 2012 के आसपास बने थे जिनकी छत से पानी टपक रहा है। जिनमें बच्चे नहीं बैठ पा रहे हैं। सबकी छत खराब हो चुकी है।
तीन और कमरे हैं जो खंडहर हो चुके हैं। स्कूल में आर्ट, साइंस, और कामर्स सही तीनों संकाय हैं, जिसमें कुल 832 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक कुल 39 पोस्ट होनी चाहिए जबकि छह टीजीटी और 12 पीजीटी अध्यापक सहित एक प्रिंसिपल उपलब्ध है।
पीजीटी में दो हिन्दी, दो केमेस्ट्री, एक हिस्ट्री, एक पॉलिटिकल साइंस, दो उर्दू, एक मैथ, एक फिजिकल, फिजिक्स एवं एक कंप्यूटर साइंस के अध्यापक की कमी है, वहीं टीजीटी में एक मेथ, एक साइंस, एक उर्दू, एक हिन्दी और एक इंग्लिश के पद खाली हैं। स्कूल में कंप्यूटर लैब चालू नहीं है।
पिनगवां का प्राइमरी स्कूल
पिनगवां के प्राइमरी स्कूल में कुल 17 कमरे हैं। स्कूल के अध्यापक ने बताया कि उनमें से चार कमरों में पानी टपकता है। इतना ही नहीं करीब पांच वर्ष पहले ऊपर की मंजिल पर दो कमरे बनाए गए थे, जिनकी फर्श, प्लास्टर और फिटिंग का कार्य अधूरा पड़ा है।
प्राइमरी स्कूल में महज पांच अध्यापक हैं जिनके जिम्मे 358 छात्रों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है, जबकि स्कूल में कुल 11 पद होने चाहिएं। स्कूल में शौचालयों की व्यवस्था ठीक नहीं है। स्कूल के दरवाजे पर लोग गंदगी करके चले जाते हैं, जिससे छोटे बच्चे खासे परेशान हो रहे हैं।
पिनगवां का गर्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल
कस्बे में बारहवीं तक का कन्या स्कूल है विभाग ने जिसकी इमारत वर्ष 2018 कंडम घोषित कर तोड़ दी थी जिसके बाद से आज तक करीब 1300 छात्राएं प्राइमरी की दूसरी इमारत में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं जिसके कमरे लगभग ठीक हैं, कन्या स्कूल में 20 अध्यापक उपलब्ध हैं, जबकि कुल 42 शिक्षकों के पद होने चाहिए।
प्राइमरी में 450 और मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक कुल 850 कन्याएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। हालांकि स्कूल के लिए राशि मंजूर होने के बाद अब नई इमारत का निर्माण चालू है, जिसके बाद कन्याओं को नई इमारत नसीब हो पाएगी।
जिस कमरे की छत गिरी है, इसके साथ बने सभी खंडहर कमरों की स्कूल के प्रिंसिपल से लिखित में रिपोर्ट मांगी गई है।उसके बाद जर्जर हो चुके कमरों को कंडम घोषित कर तुड़वाया जाएगा, और उसके बाद नई इमारत बनवाने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-वीरेंद्र कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी पुन्हाना
स्कूल के कमरे की जो छत गिरी है, उसको मौके पर जाकर देखा जाएगा। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-कुंवर आदित्य, एसडीएम पुन्हाना
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