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    मेवात में पिछले छह महीनों में 20,876 परिवारों के राशन कार्ड रद्द, गरीबों में मचा हाहाकार

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:39 PM (IST)

    मेवात जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पिछले छह महीनों में 20876 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं जिससे गरीबों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि उन्हें कार्ड रद्द करने का कारण नहीं पता। खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार यह कार्रवाई परिवार पहचान पत्र पर आधारित है।

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    जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभार्थियों की संख्या पिछले छह महीनों में हर महीने घट रही है।

    मोहम्मद हारून, नूंह। जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभार्थियों की संख्या पिछले छह महीनों में हर महीने घट रही है। अप्रैल से सितंबर तक 20,876 परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हटा दिया गया। इनमें से 196 परिवार अत्यंत गरीब परिवारों से हैं। राशन कार्डों के लगातार मासिक निरस्तीकरण से गरीबों में नाराजगी है।

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    लोगों का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं है कि उनके कार्ड क्यों निरस्त किए गए हैं। उन्होंने निरस्तीकरण के बारे में बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिनके राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं, उन्हें राशन की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

    खाद आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में जिले के नूंह, तावडू, पुन्हाना, पिनगवां, फिरोजपुर झिरका और नगीना ब्लॉक में 2,62,807 बीपीएल कार्ड थे। इसके बाद कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हुई।

    जुलाई के आंकड़ों के अनुसार, बीपीएल कार्डों की संख्या घटकर 2,45,829 रह गई। चार महीनों में, जिले में 16,682 कार्डों के लिए राशन वितरण बंद कर दिया गया। सितंबर की सूची के अनुसार, बीपीएल कार्डों की संख्या 2,45,829 से घटकर 2,42,127 हो गई।

    यानी दो महीनों में 3,702 कार्ड कम हुए। कुल मिलाकर, छह महीनों में 20,876 कार्ड रद्द किए गए। लाभार्थियों को कार्ड रद्द होने की जानकारी ही नहीं थी। कई लोग वास्तव में राशन के पात्र थे। जिले के कार्डधारक इस्लाम, सीमा, अशरफी, गोविंदा, राधे, लक्ष्मी और कई अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें पहले राशन मिलता था, लेकिन उनके राशन कार्ड अचानक रद्द कर दिए गए, जिससे उन्हें सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है।

    कार्डधारकों का कहना है कि गरीबी दूर करने के बजाय, सरकार उनके कार्ड रद्द करके गरीबों को राशन सूची से हटा रही है। इससे आम लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि राशन कार्ड रद्द क्यों किए जा रहे हैं, इसका कोई ठोस जवाब किसी के पास नहीं है।

    बीपीएल कार्ड पर क्या लाभ मिलते हैं

    सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत, बीपीएल राशन कार्ड धारकों को सरकार की ओर से हर महीने प्रति यूनिट पाँच किलोग्राम गेहूँ, एक किलोग्राम चीनी और प्रति कार्ड दो किलोग्राम सरसों का तेल राशन के रूप में मिलता है। गरीबों को गेहूँ मुफ़्त दिया जाता है, जबकि चीनी 13.50 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से मिलती है। दो लीटर तेल की कीमत 100 रुपये है।

    जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कार्ड और यूनिट की जानकारी

    केंद्र का नाम दुकानों की संख्या कुल कार्ड कुल लाभान्वित यूनिट
    फिरोजपुर झिरका 139 61623 314367 -
    नूंह 129 62195 314381 -
    पिनगवां 66 29823 155945 -
    तावडू 61 35579 171383 -
    पुन्हाना 111 52907 274948 -

    राशन कार्ड बनाने और रद्द करने की व्यवस्था परिवार पहचान पत्र पर आधारित है। विभाग का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हमारे पास जो कार्ड और यूनिट आते हैं, वे CRID परिवार पहचान पत्र विभाग से आते हैं। उसी के आधार पर राशन वितरित किया जाता है। BPL कार्ड बनाने और रद्द करने के मानदंड CRID द्वारा ही निर्धारित किए जाते हैं।

    - केके गोयल, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, नूंह

    चुनावों के दौरान सरकार ने वोट हासिल करने के लिए सभी को कार्ड जारी किए थे। वोट बन जाने के बाद, अब उनके हित साधने के लिए सभी के कार्ड रद्द किए जा रहे हैं। यह गरीबों के साथ मज़ाक है। कई पात्र लोगों के कार्ड भी रद्द कर दिए गए हैं। सरकार को इन मामलों की जाँच कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पात्र लोगों को योजना का लाभ मिले।

    - आफताब अहमद, विधायक, नूंह