दिल्ली-NCR में यहां पर कब मिलेगी जाम से मुक्ति, कई गांव के लोग हो रहे परेशान
मेवात में राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खस्ता है। सोहना-भिवाड़ी मार्ग पर गड्ढों से यात्री परेशान हैं। मरम्मत के लिए करोड़ों का टेंडर हुआ पर स्थिति जस की तस है। केएमपी फ्लाईओवर और शिकारपुर चौराहे पर जाम आम बात है। स्थानीय लोगों और छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है।

शीशपाल सहरावत ,तावड़ू(मेवात)। यूं तो सरकार देश और प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रही है,लेकिन प्रमुख सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरे जा रहे। सबसे बुरा हाल केएमपी फ्लाईओवर के नीचे और शिकारपुर गोगजाका चौराहे का है। जहां आए दिन जाम के हालात बने रहते हैं।
सोहना से भिवाड़ी तक 24 किमी लंब राष्ट्रीय राज मार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए तीन करोड़ 15 लाख रुपये की लागत का टेंडर छोड़ा गया था। इतनी राशि खर्च करने के बाद भी यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। अभी भी सड़क में गड्ढों की भरमार है, जिससे लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
बता दें कि जनवरी 2024 में सोहना से भिवाड़ी राजस्थान सीमा तक करीब 24 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए तीन करोड़ 15 लाख रुपये के टेंडर शिवा बिल्टेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिए थे। इसमें भी फाइलों में काम ज्यादा हुआ,धरातल पर आज भी हालात जस की तस बने हुए हैं।
लोगों को 15 मिनट के भिवाड़ी जाने और तावडू से सोहना जाने के लिए डेढ़ से दो घंटे तो कई बार तीन घंटे तक का समय लग रहा है। सड़कों में बने गड्ढे तो भरे गए लेकिन अगले दिन से ही गड्ढे पहले से भी बदतर हालत में दिखाई पड़े। जो सरकार और प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है।
शिकारपुर सरपंच प्रतिनिधि अजहरुद्दीन,पूर्व सरपंच पढ़ेनी बिल्लू यादव,प्रताप खातीवास, उमेश गोगजाका,बिल्लू खरखड़ी,अस्सर राहड़ी आदि ने कहा कि सबसे बुरा हाल शिकारपुर खातीवास चौराहे का है।
जहां खातीवास स्थित राव ऐदल सिंह कॉलेज में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं,लेकिन सड़कों में बने गड्ढे के कारण बच्चे भी सही समय संस्थान में नहीं पहुंच पाते।
लोगों का कहना है कि काम कब शुरू हुआ और कब पूरा हुआ,उन्हें नहीं मालूम। जब से वह यहां से निकल रहे हैं हमने तो हमेशा गड्ढे ही देखे हैं।
शिकारपुर चौराहे पर गड्ढों के साथ ही सड़क के किनारे लगाई गई आरा मशीनों पर भारी संख्या में सड़क के साथ लड़कियां पड़ी रहती हैं, यह भी जाम का बड़ा कारण बन रही है।
इसको लेकर भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। लोगों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी सड़क की तरफ कोई ध्यान नहीं है।
शिवा बिल्डटेक कंपनी का टेंडर बीते 30 मार्च को समाप्त हो चुका है। अब दोबारा दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव विभाग को भेजा था,जिसे मंजूरी मिल गई है।
जल्द ही कंपनी को टेंडर अलाट कर सड़क को गड्ढा मुक्त कराया जाएगा। सड़क के साथ जो आरा मशीनें लगी हुई है उन पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -सुरेंद्र सिंह ,एसडीओ पीडब्ल्यूडी,सोहना मंडल
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