Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mewat News: अस्पताल में छापा पड़ते ही मची भगदड़, नूंह में ऐसे चल रहा था बड़ा खेल

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 04:55 PM (IST)

    नूंह में स्वास्थ्य विभाग ने लिंग अनुपात को नियंत्रित करने के लिए जावेद अस्पताल पर छापा मारा जहां अवैध गर्भपात का मामला सामने आया। एक महिला का पांच-छह महीने का गर्भपात किया गया था जिसमें लड़की थी। अस्पताल के पास अनुमति नहीं थी। नर्स को पुलिस को सौंपा गया और अस्पताल सील कर दिया गया जबकि डॉक्टर फरार हो गया।

    Hero Image
    गर्भपात कराने के आरोप में अस्पताल पर छापामारी।

    जागरण संवाददाता, नूंह। नूंह में लिंग अनुपात पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। बुधवार को मेवली मार्ग के समीप शहर के जावेद अस्पताल में किए गए गर्भपात के मामले में विभाग की टीम ने छापामारी की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरोप है कि जावेद अस्पताल में पल्ला की रहने वाली सुमैया नाम की एक महिला का पांच-छह माह का गर्भपात कराया गया। कराए गए गर्भपात में लड़की थी, इस महिला के पहले ही तीन वर्ष की एक लड़की बताई गई है। अस्पताल के पास गर्भपात कराने की कोई अनुमति नहीं थी।

    विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई के दौरान वहां पर तैनात नर्स अरजीना को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। मौके से अस्पताल का संचालक डाक्टर जावेद फरार हो गया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया है।

    स्वास्थ्य विभाग के जिला नोडल अधिकारी डॉ. मनप्रीत को सूचना मिली कि पल्ला गांव की रहने वाली सुमैया नामक महिला ने बीते दो अगस्त को नूंह के जावेद अस्पताल में गर्भपात कराया। जानकारी मिलने पर विभाग की टीम पल्ला गांव सुमैया के घर पहुंची। वहां पर टीम की तरफ से गर्भपात कराने की बात पूछी तो उसने बताया कि उसने शहर के जावेद अस्पताल में गर्भपात कराया था।

    सूचना मिलने पर डॉ. मनप्रीत, डॉ. यक्ष व अन्य सदस्यों ने बुधवार को जावेद अस्पताल पहुंचे। वहां पर रिकॉर्ड खंगाला गया तो गर्भपात कराने वाली महिला का आधा अधूरा रिकॉर्ड ही मिला। पूछताछ में पता चला कि जावेद अस्पताल में तैनात नर्स अर्जीना ने महिला का गर्भपात कराया था। गर्भपात के दौरान महिला का बच्ची हुई थी।

    बताया गया है कि सुमैया के एक तीन वर्ष की बच्ची पहले ही जिंदा है। टीम की तरफ से नर्स अर्जीना से गर्भपात कराने की अनुमति प्रमाण पत्र मांगा तो वे पेश नहीं कर सकी। इसी दौरान वहां पर अस्पताल का संचालक डॉ. जावेद भी आ गया। डॉ. जावेद ने बीएमएस की डिग्री की हुई है। लेकिन गर्भपात कराने के लिए उसके पास सरकार की तरफ से कोई स्वीकृति पत्र तक नहीं था।

    स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के चलते डॉ. जावेद मौके से फरार हो गए। टीम ने पुलिस को बुलाकर नर्स अर्जीनाप को सौंप कर मामले में केस दर्ज कराने की शिकायत पुलिस को दे दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मंगलवार को भी पुन्हाना में एक ऐसी ही अस्पताल पर छापे की कार्रवाई की थी।

    गर्भपात के लिए लेनी पड़ती है विभाग से अनुमति

    गर्भपात कराना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन विशेष स्थिति में ही गर्भपात कराया जा सकता है। इसके लिए केवल वह अस्पताल ही गर्भपात करा सकता है, जिसके पास अनुमति हो। गर्भपात के लिए दो गायनीज डाक्टरों का होना बहुत जरूरी है। लेकिन मेवात में खोले गए क्लीनिक में अनटेंड नर्स व चिकित्सक इस कार्य को अंजाम दे रहें हैं। जिससे कई बार कई महिलाओं की मौत भी हो चुकी है।

    यह भी पढ़ें- साइबर ठगों के निशाने पर छात्रों के खाते, 95 लाख की ट्रांजक्शन से उड़े बैंक अफसरों के होश

    छापे के दौरान अस्पताल का पूरा रिकॉर्ड चेक किया गया। वहां पर सुमैया का आधा अधूरा रिकॉर्ड ही पाया गया। पूछताछ करने पर अस्पताल के पास कोई गर्भपात कराने की अनुमति नहीं थी। पुलिस में केस दर्ज करा दिया गया है। आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। - डॉ. मनप्रीत तेवतिया, नोडल अधिकारी जिला अस्पताल मांडीखेडा

    comedy show banner
    comedy show banner