नूंह में 7 डेंगू और 15 मलेरिया केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, हाई रिस्क जोन में लगाई गई 41 टीमें
नूंह जिले में डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। जोखिम वाले क्षेत्रों में टीमें घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित लोगों की जांच कर रही हैं और जागरूकता अभियान चला रही हैं। जहां डेंगू के मामले मिले हैं वहां फॉगिंग भी कराई जा रही है। लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

जागरण संवाददाता, नूंह। जिले में डेंगू के सात व मलेरिया के 15 केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई है। हाई रिस्क जोन के गांवों में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 41टीमें लगाई है। ये टीमें घर -घर जाकर बुखार से पीड़ित लोगों की स्लाइड बना रही हैं।
विभाग की तरफ से जहां पर डेंगू के केस मिलें हैं फॉगिंग कराई गई है। डेंगू व मलेरिया के ये मामले बीते जुलाई माह से अब तक अलग-अलग गांवों में सामने आए हैं। विभाग की टीमें गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर डेंगू व मलेरिया से बचने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक रहे हैं।
पिछले दो दिनों में विभाग की टीमों ने 12 हाई रिस्क जोन के 7415 घरों में जाकर निरीक्षण किया है। इस दौरान 10 37 बुखार से पीड़ित से मरीजों की स्लाईड जांच के लिए भरी हैं।
बता दें कि चालू वर्षा के सीजन में जिले में औसत से ज्यादा वर्षा हुई है। जिस कारण जिले सैकड़ों गांवों में जल भराव की स्थिति बनी हुई है। इसका असर स्वास्थ्य विभाग पर भी पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार अब तक जिले के अलग-अलग गांवों में 15 केस मलेरिया के सामने आए हैं। इसके अलावा सात केस डेंगू के भी सामने आए हैं।
डेंगू के मामले शाहचौखा, भूतलाका, कंकरखेड़ी, तावड़ू शहर, उमरा, नाहरपुर लफूरी में निकले हैं। इसके अलावा मलेरिया के अधिकांश केस जिले के नूंह खंड के हाई रिस्क जोन के गांव उजीना , सूडाका, बाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन आने वाले गांवों में निकले हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें हुई सतर्क
मलेरिया व डेंगू के केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। विभाग की तरफ से हाई रिस्क जोेन के गांवों में 41 टीमें तैनात की गई है। ये टीमें घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित लोगों की स्लाइड बना रही हैं।
विभाग के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनप्रीत के अनुसार अब तक हाई रिस्क जोन के गांव उजीना, अडबर, भंडाका, कोंतलाका, गोलपुरी, कमरचंदका, बैंसी, हवन नगर, मोहलाका, गोहाना में में 7415 घरों को सर्वे किया गया है।
सर्वे के दौरान इन घरों में 59 ब्लड स्लाइड तथा 978 बुखार से पीड़ित लोगों की रेपिट डायोगन किट (आरडीके) से खून की जांच की गई। ताकि मलेरिया के केसों के बारे पता लगाया जा सके।
लोगों को किया जा रहा है जागरूक
विभाग की तरफ से लगाई गई स्वास्थ्य विभाग की टीमों की तरफ से ग्रामीण क्षेत्र में जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जो लोग बुखार से पीड़ित मिल रहें हैं। उनको बुखार की दवाई भी वितरित की जा रही हैं। इसके अलावा अन्य रोगों की भी दवाएं विभाग की तरफ से दी जा रहीं हैं।
डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कराई गई फॉगिंग
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो जहां पर डेंगु के केस निकले हैं। वहां पर जाकर विभाग की तरफ से फॉगिंग कराई गई है। बताया गया है कि डेंगू प्रभावित एरिया के आसपास के एरिया में फॉगिंग कराई गई है।
मलेरिया व डेंगू से बचने के लिए बरते सावधानी
घरों की छतों पर पुराने टायर का हटा दें। इनमें पानी भरने के कारण मच्छर हो जाते हैं। जिसमें डेंगू का मच्छर पनपता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो डेंगू का मच्छर हमेशा साफ पानी में पनपता है।
घरों के समीप गड्ढों में पानी न भरने दें। जहां पर पानी भरा हुआ है, वहां पर काला जेल छिडकें। रात के समय मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। आसपास साफ-सफाई रखें। बुखार आने पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर
जिला चिकित्सा अधिकारी के आदेशानुसार विभाग की टीमें सभी हाई रिस्क जोन के गांवों में घर-घर जाकर स्लाइड बना रहीं हैं तथा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अभी तक कोई मलेरिया या डेंगू का केस सामने नहीं आया है। जो केस निकले हैं, उनकी हिस्ट्री चेक कराई जा रही है। हो सकता है कई बार व्यक्ति रिश्तेदारी में चला जाता है, वहां से बुखार के कारण ऐसे मामले आ जाते हैं।
- डॉ. विमलेश तिवारी, जिला महामारी विशेषज्ञ नूंह
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