लापरवाही की हद! पुलिस और एनएचआई नहीं बढ़ा रहे डीएमई पर सक्रियता, दुर्घटना होने पर समय पर नहीं मिल रही मदद
मेवात में पुलिस और एनएचआई की लापरवाही के कारण डीएमई पर सक्रियता नहीं बढ़ रही है, जिससे दुर्घटना होने पर समय पर मदद नहीं मिल पा रही है। सड़क दुर्घटनाओं ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
मोहम्मद हारून, नूंह। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे पर न एनएचआई व स्थानीय पुलिस प्रशासन हादसों से निपटने के लिए पुख्ता व्यवस्था का इंतजाम नहीं कर पा रहा है। दुर्घटनाओं के समय पर घायलों को पूरी सहायता न मिलने से प्रशासन पर उंगली उठने लगी हैं। ऐसे कई हादसे हो चुकें हैं, जिससे समय पर सहायता नहीं मिली तथा घायलों को जान गंवानी पड़ी।
हादसों को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं
डीएमई पर पुलिस थाना स्थापित करने रात के समय पुलिस पीसीआर की गश्त बढ़ाने को लेकर कई बार मांग उठती रही है। सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक में भी यह मामला सामने आता रहा है। बावजूद इसके कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। डीएमई मार्ग का चप्पा -चप्पा सीसीटीवी कैमरे की जद में हैं। लेकिन समय पर सहायता न मिलना यहां की व्यवस्थाओं की पोल खोलने के लिए काफी है। प्रशासन उसको लेकर गंभीर नहीं दिखता।
लापरवाही के मामले उजागर हो रहे
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे डीएमई प्रशासन की तरफ से सुरक्षा को लेकर अपनी तरफ कुछ इंतजाम भी किए हैं। यहां पर रिकवरी वैन भी घुमती रहती है, जो खराब वाहनों को एक तरफ ख्रींचकर लगाती रहतीं है। इसके अलावा दुर्घटना होने पर त्वरित बचाव दल पहुंचने की व्यवस्था है। खास बात यह है कि पूरा डीएमई सीसीटी की जद में है, बावजूद यहां पर लापरवाही के मामले सामने आ रहें हैं।
तड़प-तड़पकर दंपती की चली गई थी जान
बीत दो दिसंबर को इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। दो दिसंबर की रात को लक्ष्मीराम उम्र 41 वर्ष अपनी पत्नी कुसुमलता निवासी करौली राजस्थान को वेगनार कार में लेकर दिल्ली के लिए जा रहे थे। जैसे ही उनकी कार नौसेरा गांव की सीमा में पहुंची तो डीएमई पर उनकी कार में एक तेज रफ्तार डंपर ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी।
इस कारण उनकी कार आगे चल रही अर्टिगा कार से टकराकर अनियंत्रित होकर डिवाईडर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें दोनों पति-पत्नी फंस गए। दोनों ने खूब चीख पुकार की लेकिन न तो किसी ने भी उन्हें बचाने के लिए अपना वाहन रोका और ना पुलिस व एनएचआई की टीम पहुंच सकी। रातभर दोनों गहरी चोटों के कारण चीखते रहे चिल्लाते रहे, लेकिन उन्हें बचाने के लिए कोई नहीं पहुंच पाया।
सुबह जब पुलिस मौके पर पहुंची तो दोनों मृत अवस्था में पाए गए। आठ घंटे तक एनएचआई व स्थानीय पुलिस की टीम भी मौके पर नहीं पुहंची जबकि डीएमई मार्ग पूरा सीसीटीवी की जद में है। जिसका कंट्रोल से रूम से किस भी घटना का पता लग सकता है।
ऐसा ही मामला दोबारा सामने आया
ऐसा ही मामला शुक्रवार को गुर्जर नंगला गांव के समीप हादसे में देखने को मिला। यहां पर भी डंपर में हादसे के बाद पुलिस एक घंटे बाद पहुंची, दमकल का वाहन पहुंचा ही नहीं। एनएचआई टीम भी घटना के करीब 25 मिनट बाद पहुंची। मगर पुलिस विभाग ने थाना तो दूर यहां पर पीसीआर तक तैनात नहीं की हैं। जो रात के समय यहां पर गश्त लगा सके जबकि हर माह सड़क सुरक्षा की बैठकों में ये सब मामले उठें।
49 किमी की दूरी से है समस्या
सड़क सुरक्षा सहयोग का दम भरने वाली नूंह पुलिस ने कारगर कदम नहीं उठाए। अगर पुलिस को समय पर पता भी लग जाए तो मौके तक पहुंचने में काफी देर लग जाती है क्योंकि डीएमई पर जिले में उजीना व फिरोजपुर झिरका से ही मार्ग के लिए इंटरी है। आपस में इसकी दूरी 49 किमी है, इस क्षेत्र में फिरोजपुर झिरका, नूंह सदर, पिनगवां, नगीना थाने में लगते हैं। कई बार तो घटना के बारे में जल्दी से यह पता नहीं लगता कि इस क्षेत्र थाना क्षेत्र की घटना है।
इस बारे में पुलिस के अधिकारी बात तक करने को तैयार नहीं। उपायुक्त अखिल पिलानी का कहना है कि इसका लिए पता किया जाएगा , उचित कार्रवाई होगी।
जिम्मेदारों ने कहा...
पुलिस विभाग की तरफ से अगर पहल होती है, तो एनएचआई पुलिस थाने के लिए जगह उपलंब्ध कराने पर विचार कर सकता है। एनएचाआई की तरफ से पूरी नजर रखी जाती है। जरूरत पड़ने पर पूरी टीम सहायता के लिए तैयार रहती है।
-मुकेश चौधरी, प्रोजेक्ट मैंनेजर डीएमई
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