फिरोजपुर झिरका में लगा 10 मेगावाट का नया ट्रांसफार्मर, 60 गांवों को मिलेगी बिजली कटौती से राहत
फिरोजपुर झिरका में 33 केवी सब-स्टेशन पर लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से एक नया 10-मेगावाट का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इससे सब-स्टेशन की कुल क्षमता 32 ...और पढ़ें

फिरोजपुर झिरका में 33 केवी सब-स्टेशन पर लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से एक नया 10-मेगावाट का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। सांकेतिक तस्वीर
नरेश गर्ग, फिरोजपुर झिरका। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के अधिकारियों ने शहर में फिरोजपुर झिरका-तिजारा रोड पर स्थित 33 KV सब-स्टेशन पर लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से एक नया 10-मेगावाट का ट्रांसफार्मर लगाया है। इस नए ट्रांसफार्मर के लगने से अब सब-स्टेशन की लोड संभालने की क्षमता 32.5 मेगावाट हो गई है। इस नए ट्रांसफार्मर से इलाके के लोगों को काफी फायदा होगा।
यह गौरतलब है कि फिरोजपुर झिरका के 33 KV सब-स्टेशन में पहले दो ट्रांसफार्मर थे। एक 12.5 मेगावाट का और दूसरा 10 मेगावाट का था। हालांकि, फिरोजपुर झिरका शहर और बिजली निगम के फिरोजपुर झिरका सब-डिवीजन के तहत आने वाले आसपास के गांवों में लगातार बिजली की खपत और लोड बढ़ने के कारण बार-बार बिजली कटौती हो रही थी, जिससे लोगों को परेशानी हो रही थी।
इन बिजली कटौती से राहत दिलाने के लिए, बिजली निगम के अधिकारियों ने लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से एक नया 10-मेगावाट का ट्रांसफार्मर और उससे जुड़े उपकरण खरीदे और इसे फिरोजपुर झिरका पावर हाउस में लगाया। इसके लगने के बाद लोगों को बार-बार होने वाली बिजली कटौती से राहत मिलेगी और बिजली की सप्लाई ज़्यादा भरोसेमंद होगी।
बिजली निगम के अधिकारियों द्वारा सब-स्टेशन पर नए 10-मेगावाट के ट्रांसफार्मर लगाने से शहर के साथ-साथ सब-डिवीजन के 60 गांवों के लोगों को भी फायदा होगा। अब बिजली निगम के अधिकारी ज़्यादा कुशलता से बिजली दे पाएंगे।
अब सब-स्टेशन पर तीन ट्रांसफार्मर, लोड उठाने की क्षमता बढ़ी
तिजारा रोड पर स्थित बिजली निगम के सब-स्टेशन में अब तीन बड़े ट्रांसफार्मर हैं। सब-स्टेशन में पहले से ही 12.5 मेगावाट और 10 मेगावाट के दो ट्रांसफार्मर थे। हालांकि, ये लोड नहीं संभाल पा रहे थे, जिससे बार-बार बिजली कटौती हो रही थी। बिजली निगम के अधिकारियों द्वारा एक नया दस-मेगावाट का ट्रांसफार्मर लगाने से अब इस सब-स्टेशन में तीन बड़े ट्रांसफार्मर हो गए हैं और लोड उठाने की क्षमता भी बढ़ गई है।
इलाके के किसानों को फायदा
किसान फसल उगाने के लिए रात में अपने खेतों की सिंचाई करते हैं। कभी-कभी किसान सर्दियों में भी अपने खेतों की सिंचाई करते हैं। इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन के सबस्टेशन पर ट्रांसफार्मर पर ज़्यादा लोड होने के कारण बिजली कटौती होती है। सर्दियों में, किसानों को अक्सर बिजली बहाल होने के लिए लंबे समय तक इंतज़ार करना पड़ता है। लेकिन अब उन्हें बिजली कटौती की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
कम वोल्टेज से राहत
इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन के अधिकारियों द्वारा सबस्टेशन पर एक नया दस-मेगावाट का ट्रांसफार्मर लगाने के बाद, शहर और आसपास के इलाके के लोगों को अब कम वोल्टेज से राहत मिलेगी। कभी-कभी, कम वोल्टेज के कारण लोगों के बिजली के उपकरण खराब हो जाते हैं या जल जाते हैं।
33 KV सबस्टेशन पर एक नया दस-मेगावाट का ट्रांसफार्मर लगाया गया है और चालू कर दिया गया है। इस सबस्टेशन में अब 32.5 मेगावाट तक का पावर लोड संभालने की क्षमता है। लोगों को अब ओवरलोडिंग के कारण होने वाली बिजली कटौती से राहत मिलेगी।
-घनश्याम दास शर्मा, SDEO, DHBVN, फिरोजपुर झिरका

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