स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की सलामती योजना
शेर ¨सह डागर, नूंह जच्चा-बच्चा मृत्यु दर कम करने व बच्चों में अंतर के साथ-साथ महिलाओं की सेहत क
शेर ¨सह डागर, नूंह
जच्चा-बच्चा मृत्यु दर कम करने व बच्चों में अंतर के साथ-साथ महिलाओं की सेहत को संवारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले में सलामती योजना शुरू की है। महिलाएं इस योजना का फायदा भी उठा रही हैं। बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग डीएमपीए नाम का इंजेक्शन महिलाओं को मुफ्त लगा रहा है। यह सुविधा जिला स्तरीय अस्पताल से लेकर ग्रामीण अंचल तक की पीएचसी व सीएचसी में भी मुहैया कराई जा रही है। इंजेक्शन लगवाने के बाद महिला तीन महीने तक गर्भवती नहीं होगी। यह इंजेक्शन प्राइवेट अस्पतालों में काफी महंगा लगाया जाता है।
यहां भी योजना :
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक योजना नूंह व पलवल जिले के अलावा फरीदाबाद व रेवाड़ी में इसे केवल एक-एक ब्लाक में शुरू किया गया है। योजना बेहतर तरीके से महिलाओं तक पहुंचे इसके लिए मेडिकल अफसर, स्टाफ नर्स के अलावा अन्य कर्मचारियों को इस बारे में ट्रे¨नग भी दी गई है। इसमें आशा वर्कर्स व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जा हा है। अब तक करीब दो हजार महिलाएं नूंह जिले में इस मुफ्त इंजेक्शन लगवा भी चुकी हैं।
नूंह में ये हैं महिलाओं की स्थिति :
प्रदेश में एक लाख महिलाओं में से प्रसव के दौरान 136 महिलाएं मर जाती हैं, जबकि नूंह जिले में यह औसत सबसे अधिक 153 है। इसी प्रकार प्रदेश में जन्म के दौरान एक हजार शिशुओं में से 41 की कई कारणों से मौत हो जाती है तो नूंह में भी यह आंकड़ा प्रदेश में सबसे अधिक 47 है। नूंह में 85 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है। जिनमें से 20 से 25 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं, जिनमें खून की अधिक कमी है।
फायदे पर एक नजर :
- इंजेक्शन के बाद तीन महीने प्रेग्नेंसी नहीं होगी। बच्चों में अंतर रखने का सबसे आसान तरीका।
- बच्चों में अंतर रहने से महिलाओं की सेहत में होगा सुधार ।
- खून की कमी काफी हद तक दूर होगी।
- जच्चा-बच्चा मृत्यु दर में कमी होगी।
- नूंह जैसे जिले में फैमिली साइज छोटा होने की भी उम्मीद।
- बच्चों में अंतर होने के कारण उनकी सेहत भी ठीक रहेगी।
- इंजेक्शन हर सरकारी अस्पताल में बिल्कुल फ्री लगाया जा रहा है।
- इंजेक्शन से किसी प्रकार का कोई शारीरिक नुकसान नहीं होगा।
- ¨लग अनुपात के बारे में भी जागरूक कर सुधार किया जाएगा।
.......
नूंह जिले के सभी सरकारी अस्पतालों पर यह सुविधा मौजूद है। स्टाफ को इस बारे में जानकारी दी गई है। पिछले कई महीनों में करीब दो हजार महिलाएं इंजेक्शन लगवाकर इसका फायदा उठा चुकी हैं। नूंह में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। इसके सकारात्मक प्रणाम भी आएंगे। इंजेक्शन से कोई शारीरिक नुकसान नहीं है। उपायुक्त मनीराम शर्मा भी इस योजना को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं। पुरुषों को भी इसे समझना चाहिए।
डा. श्रीराम सिवाच, सिविल सर्जन नूंह।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।