नारनौल में सरकारी स्कूल को पूरे गांव से मांगनी पड़ी माफी, ग्रामीणों ने दी दोबारा लपरवाही न करने की चेतावनी
नारनौल के एक गांव में एक प्राथमिक विद्यालय के कर्मचारी एक छह वर्षीय छात्र को कक्षा में बंद कर गए क्योंकि वह सो गया था। स्कूल बंद होने के बाद बच्चा अंदर फंस गया और रोने लगा। एक ग्रामीण ने उसे सुना और पुलिस की मदद से उसे बचाया। ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया जिसके बाद कर्मचारियों ने माफी मांगी।

जागरण.संवाददाता,नारनौल। राजकीय प्राथमिक पाठशाला गांव नूनी कलां में शुक्रवार को पहली कक्षा में पढ़ने वाले छह वर्षीय बच्चे कमल को स्कूल में नींद आ गई और वह डेस्क पर ही सो गया। स्कूल की दो बजे छुट्टी हो गई। उसके सहपाठी भी उसे सोता छोड़कर वहां से चले गए।
इसके बाद किसी ने उसको देखा नहीं। सफाई का काम करने वाली महिला कर्मचारी स्कूल को बंद करके चली गई। इसके बाद बच्चे की आंख खुली तो वह रोने और चिल्लाने लगा।
स्कूल बंद होने की वजह से उसकी आवाज किसी तक नहीं पहुंची। शाम को करीब चार बजे स्कूल के नजदीक से गुजर रहे एक ग्रामीण ने उसकी आवाज सुनी।
वह तुरंत दीवार फांद कर स्कूल के अंदर पहुंचा और उसे अंदर एक कमरे में बंद छात्र रोता हुआ मिला। इसके बाद उसने सरपंच और पुलिस को मामले की सूचना दी। तथा मौके पर पुलिस और सरपंच पहुंचे और बच्चे को बाहर निकाला ।
सरपंच ने इस बारे में स्कूल के हेडमास्टर को सूचना दी। सूचना मिलने बाद शाम को करीब साढ़े चार बजे गांव लहरौदा से सेवादार को बुलाया गया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में स्कूल का ताला खोला और बच्चे को बाहर निकाला गया। इस घटनाक्रम से बच्चा बुरी तरह सहम गया था।
मौके पर पहुंचे बच्चे के माता-पिता ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और नारनौल में मेहनत मजदूरी करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं और तीनों इसी सरकारी स्कूल में पढ़ते है।
बच्चों के स्कूल जाने के बाद वे दोनों मजदूरी पर चले गए थे। दो बच्चे तो स्कूल से लौट आए, लेकिन एक बच्चा वापस नहीं आया। वे मजदूरी पर बाहर थे तो किसी ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। सोचा कि बच्चा यहीं पर कहीं खेल रहा होगा।
शुक्रवार को गांव के ग्रामीणों ने इस घटना का विरोध जताया। लोगों के विरोध के चलते स्कूल स्टाफ ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए।
उनका कहना था कि वे स्कूल को बंद करते समय हर कक्षा को चेक करते हैं। मगर बच्चा उन्हें दिखाई नहीं दिया। स्कूल स्टाफ ने वादा किया कि भविष्य में वह अच्छे से चेक करके ही कक्षा के दरवाजे पर ताला लगाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।