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    दो दिन पहले बैठक में बना था मोनू को गिरफ्तार करने का प्लान, नूंह हिंसा के बाद पुलिस पर बन रहा धा दबाव

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Wed, 13 Sep 2023 01:10 AM (IST)

    नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू मानेसर की भले ही सीधे संलिप्तता नहीं रही हो लेकिन जुनैद और नासिर के स्वजन तथा एक बड़ा वर्ग यह मान रहा था कि राजस्थान पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। गिरफ्तारी की मांग को लेकर भरतपुर और अलवर में कई प्रदर्शन भी हुए। इससे राजस्थान पुलिस के अधिकारी दबाव में रहते थे। सियासत भी जमकर हो रही रही थी।

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    दो दिन पहले बैठक में बना था मोनू को गिरफ्तार करने का प्लान।

    नूंह, जागरण संवाददाता। नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू मानेसर की भले ही सीधे संलिप्तता नहीं रही हो लेकिन, जुनैद और नासिर के स्वजन तथा एक बड़ा वर्ग यह मान रहा था कि राजस्थान पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। गिरफ्तारी की मांग को लेकर भरतपुर और अलवर में कई प्रदर्शन भी हुए।

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    इससे राजस्थान पुलिस के अधिकारी दबाव में रहते थे। सियासत भी जमकर हो रही रही थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक-दूसरे पर आरोप लगाने वाले बयान भी आए थे। जबकि हत्याकांड के आठ माह हो चुके थे और मोनू अपने घर पर ही रह रहा था।

    डीग पुलिस पर बन रहा था दबाव

    डीग पुलिस चाहती तो उसे गिरफ्तार कर सकती थी। नूंह में हुई हिंसा के बाद मोनू की गिरफ्तारी के लिए डीग पुलिस पर दबाव बढ़ने लगा था। विपक्षी नेता यह आरोप लगाने लगे थे कि मोनू को अगर पहले पकड़ कर जेल भेज दिया जाता तो हिंसा नहीं होती। जबकि हिंसा वाले दिन मोनू यात्रा में शामिल भी नहीं हुआ था।

    जब विधायक तक की संलिप्तता सामने आने लगी तो नूंह और डीग पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों मोनू की गिरफ्तारी के लिए दो दिन पहले प्लान बनाया। योजना भी ऐसी बनाई कि सवाल नहीं खड़े किए जा सकें और पुलिस को आगे बड़े चेहरों को हवालात दिखाने में कोई अड़चन नहीं आए। योजना के तहत ही मोनू को गिरफ्तार का नया मामला दर्ज किया गया और डीग पुलिस उसे ट्रांजिड रिमांड पर लेकर चली गई।

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    अदालत में रही कड़ी सुरक्षा

    पुलिस द्वारा मोनू मानेसर को गुरुग्राम से गिरफ्तार करने के बाद नूंह अदालत में पेश किया गया। इस दौरान अदालत की सुरक्षा बढ़ा दी गई। सुरक्षा को लेकर अदालत में 100 पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की गई। कड़ी सुरक्षा के घेरे में मोनू को अदालत में पेश किया गया। जहां से अदालत में निर्देश मोनू को राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया गया। अदालत के गेट से लेकर आसपास भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।

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    अफवाह भी उड़ी

    पुलिस का प्लान मोनू और उसके स्वजन को पता था। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा कि इमारत से बाहर आकर मोनू खड़ा हो जाता है और पुलिस कर्मी उसे आराम से अपने वाहन तक लेकर जाते हैं। जबकि कुछ लोगों ने यह संदेश मैसेज कर दिये कि मोनू का अपहरण कर लिया गया। कुछ लोग पोस्ट डाल रहे थे कि राजस्थान पुलिस उठा कर ले गई। कोई बवाल नहीं हो इसके लिए पुलिस अधिकारी भी कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे थे। उनके बयान तब सामने आए जब मोनू को अदालत में पेश कर दिया गया।