वाह रे सिस्टम! सड़क बनी तालाब... पानी में डूबे कई घर और हालात हुए बेकाबू; लोगों ने बयां किया दर्द
महेंद्रगढ़ में भारी बारिश के बाद जलभराव से हालात बेकाबू हो गए हैं। एसडीएम आवास के सामने भी पानी जमा होने से लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी है। कई घर पानी में डूब गए हैं जिससे लोग पलायन करने को मजबूर हैं। निवासियों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि जल निकासी व्यवस्था सुधारी जा सके और उन्हें इस समस्या से निजात मिल सके।

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़। महेंद्रगढ़ शहर की सबसे प्रमुख और व्यस्त सड़क, जहां उपमंडल अधिकारी का सरकारी निवास भी स्थित है, यह सड़क वर्षा के चलते तालाब का दृश्य प्रस्तुत करती है।
वहीं, बुधवार सुबह हुई तेज वर्षा के बाद इस क्षेत्र में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे बैंक, दुकानों और दर्जनों घरों में पानी घुस गया। जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
प्रशासनिक उदासीनता या व्यवस्था की विफलता?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे कई वर्षों से इस गंभीर समस्या से प्रशासन को अवगत कराते आ रहे हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह ठप है, जिससे हर बारिश महेंद्रगढ़ के लिए एक आपदा बन जाती है।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इस जलभराव से प्रभावित क्षेत्र में स्वयं उपमंडल अधिकारी का निवास है और वे प्रतिदिन इसी जलभराव वाली सड़क से आवागमन करते हैं। इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है, जो प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
लोगों का दर्द: "क्या यही विकास है?"
इस भयावह स्थिति ने कई परिवारों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। गंदा पानी लगातार घरों में घुस रहा है, जिससे रहना दूभर हो गया है। स्थानीय निवासी सुरेश मक्कड़ और श्याम सुंदर गट्टू जैसे कई लोगों ने पानी की परेशानी से तंग आकर अपना पक्का घर छोड़ दिया और अब दूर किराए के मकानों में रहने को विवश हैं। एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए कहा, “हमारे बच्चे गिरते हैं, सामान खराब हो गया, घर में बदबू फैली हुई है। अपना घर छोड़कर भागना पड़ रहा है। क्या यही विकास है?”
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हर दिन डर का साया
बाइक फिसल रही हैं, छोटे बच्चे पानी में गिर रहे हैं, और सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है जब गंदे पानी में खुले बिजली बोर्ड करंट का खतरा पैदा कर देते हैं। यह एक बड़े हादसे को निमंत्रण देने जैसा है। इसके बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
जनता की पुकार: मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
स्थानीय निवासियों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है, “जब एसडीएम निवास के सामने की सड़क का ये हाल है, तो बाकी बस्तियों का क्या हाल होगा।

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