मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के विकास पर खर्च होंगे 765 करोड़, पहले चरण में 408 एकड़ पर होगा काम
नारनौल में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब का विकास कार्य जल्द शुरू होगा जिसकी निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय कर रहा है। 865 एकड़ में फैली इस परियोजना के लिए टेंडर जारी हो चुका है। पहले चरण में 408 एकड़ पर काम होगा। यह हब दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ेगा जिससे आयात-निर्यात सुगम होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस परियोजना पर लगभग 765 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
जागरण संवाददाता, नारनौल। नारनौल में नांगल चौधरी हलके के गांव बशीरपुर, घाटाशेर एवं तलोट की जमीन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विशेष सहयोग से बनने वाले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के विकास को परिणाम तक पहुंचाने की कार्रवाई अब प्रारंभ होने जा रही है।
यह परियोजना देश की उन महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल है, जिसकी सीधी निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय करता है। “प्रगति” योजना के अंतर्गत इसकी प्रगति रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जाती है।
इस परियोजना को लागू करने के लिए मुख्य टेंडर 22 अगस्त को जारी किया जा चुका है। जिसकी प्री बिड 30 सितंबर दोपहर 12 बजे खोली जाएगी और अंतिम निविदा 10 नवंबर प्रातः 11 बजे तक प्राप्त की जा सकेगी। दो चरणों में पूरी होने वाली यह परियोजना कुल 865 एकड़ क्षेत्र में विकसित होगी। इसमें प्रथम चरण में 408 एकड़ भूमि पर निर्माण का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है।
वहीं, आधारभूत आवश्यकताएं जैसे लॉजिस्टिक हब तक न्यू डाबला रेलवे स्टेशन से रेल की लाइन बिछाने का काम, 220 केवी क्षमता की स्पेशल बिजली लाइन, नारनौल से नहरी पानी की लाइन, नेशनल हाईवे से संपर्क आदि का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त आंतरिक रेल लाइन डालने एवं उस पर रेलवे प्लेटफ़ार्म बनाने का काम चालू है।
इस टेंडर में बड़ी बड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के हिस्सा लेने की प्रबल संभावनाएं हैं । इस परियोजना को विकसित, प्रबंधन एवं संचालन करने के सभी कार्य टेंडर में सफलता प्राप्त करने वाली कंपनी द्वारा किए जाएंगे। अर्थात इसी कंपनी द्वारा इसके निर्माण से लेकर संचालन तक का कार्य किया जाएगा।
इस परियोजना के निर्माण और पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए अनुमानित 765 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इस परियोजना के दोनों चरण पूरे होने उपरांत यहां 20 लाख कंटेनर को हैंडल करने की क्षमता विकसित की जाएगी। इसमें एक लाख कंटेनर को रखने के लिए वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की यह एक संयुक्त परियोजना है।
इस टेंडर में उच्चतम लाभ की पेशकश करने वाली कंपनी को यह काम अलॉट किया जाएगा। यह कंपनी केंद्र और हरियाणा सरकार को इस परियोजना से प्राप्त होने वाली कुल आय का एक निश्चित निर्धारित प्रतिशत अदा करेंगी और इस प्रोजेक्ट से संबंधित निर्माण से लेकर संचालन तक का समस्त कार्य यह कंपनी अपने स्तर पर अपनी जिम्मेवारी पर करेगी।
पूर्व सिंचाई मंत्री डाक्टर अभय सिंह यादव ने कहा कि यह कार्य बड़े पैमाने पर होने जा रहा है तथा इस परियोजना के पूर्ण रूप से विकसित और संचालित होने उपरांत इस क्षेत्र में विकास की अनेक संभावनाएं परिलक्षित होंगी। लॉजिस्टिक हब के साथ ही औद्योगिक पार्क भी विकसित किया जाएगा जिसमें आयात-निर्यात की सुगम सुविधा ऐसे उद्योगों के लिए यहां मुख्य आकर्षण होगा। क्योंकि यह लॉजिस्टिक हब वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर पर विकसित किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को सीधे मुंबई सहित पश्चिमी भारत की कई बंदरगाहों से जोड़ रहा है। अतः उसका सीधा लाभ इस क्षेत्र में आने वाले उद्योगों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास इस परियोजना को वर्षों पहले पूरा किए जाने का था। भूमि की उपलब्धता से सम्बंधित कुछ मामलों की वजह से यह कार्य देरी से प्रारंभ हुआ। अब इस परियोजना को दो चरणों में पूरा करने की योजना बनायी गई है। पहले चरण में 408 एकड़ भूमि पर काम पूरा करने की योजना पर गति से काम हो रहा हैं। यह कार्य पूरा होने के उपरांत दूसरे चरण का कार्य पूरा किया जाएगा।
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उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिस दिन इस क्षेत्र में एक भी बड़ा उद्योग स्थापित हो गया तो उसके बाद में इस समस्त जिले में औद्योगीकरण का रास्ता खुल जाएगा। लाजिस्टिक हब के अंदर भी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां शुरू होंगी जो क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देंगी।
उन्होंने इस परियोजना को इस ज़िले में स्थापित करने के लिए हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं इसके विकास को गति देने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार एवं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार प्रकट किया।
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