'पापा क्यों चले गए...' मुखाग्नि देते हुए रो पड़ा बेटा, फौजी की मौत से पूरे गांव में पसरा मातम
नारनौल के गांव ढ़ाणी बास किरारोद के ITBP जवान धर्मवीर सिंह का सहारनपुर के पास सड़क हादसे में निधन हो गया। ड्यूटी के दौरान दवा लेकर लौटते समय यह दुर्घटना हुई। जवान धर्मवीर सिंह की असामयिक मृत्यु से पूरे गांव में शोक की लहर है। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। विधायक ओमप्रकाश यादव समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को याद किया।

जागरण संवाददाता, नारनौल। नारनौल जिले के गांव ढ़ाणी बास किरारोद निवासी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) में तैनात 40 वर्षीय जवान धर्मवीर सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं। ड्यूटी के दौरान रविवार को दवा लेकर लौटते समय सहारनपुर के पास एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए धर्मवीर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सोमवार सुबह जब उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बास किरारोद पहुंचा तो गांव की आंखें नम थीं और दिल भारी। धर्मवीर सिंह की पत्नी पिंकी सात माह की गर्भवती हैं। घर में पहले से दो बच्चे - 13 साल का बेटा अंश और 11 साल की बेटी अंशिका हैं। अंश ने ही पिता को मुखाग्नि दी। वह बार-बार बस इतना ही कह पाया- “पापा क्यों चले गए।”
जवान की अंतिम यात्रा लहरोदा से उनके गांव तक निकाली गई, जिसमें भारत माता के जयकारे गूंजे। श्रद्धांजलि देने पहुंचे विधायक ओमप्रकाश यादव ने कहा- “देश ने एक सच्चा सपूत खोया है और परिवार ने एक मजबूत सहारा।”
बता दें कि धर्मवीर 2009 में आइटीबीपी में भर्ती हुए थे। इस समय वह 50वीं बटालियन में रामगढ़, उत्तर प्रदेश में तैनात थे और मसूरी स्थित एकेडमी से अटैच थे। परिवार के मुताबिक, वह दवा लेने मसूरी से निकले थे, लेकिन रास्ते में हादसा हो गया। धर्मवीर सिंह के दो भाई हैं। इनमें एक योग शिक्षक और दूसरे विश्वविद्यालय में प्रोफेसर। माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। अब धर्मवीर के देहांत ने परिवार को ऐसा घाव दिया है, जिसकी भरपाई नामुमकिन है।
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जवान की अंत्येष्टि में शामिल हुए सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं ऑल इंडिया एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मपाल चौधरी ने कहा कि जवान धर्मवीर सिंह बहादुर नायक थे, उन्होंने बताया कि उनको बहादुरी के चलते आइटीबीपी की ओर से सम्मान भी मिल चुका था और वे जल्द ही पदोन्नत होने वाले थे। उन्होंने कहा कि जवान को बलिदानी का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
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