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    कनीना की राजनीति का बड़ा चेहरा राजेंद्र लोढ़ा की सड़क हादसे में मौत; पूरे इलाके में शोक की लहर

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 10:24 AM (IST)

    हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के कनीना के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा का रेवाड़ी में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। बीती रात रेवाड़ी-दिल्ली मार्ग पर उ ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, कनीना (महेंद्रगढ़)। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कनीना के पूर्व प्रधान और वर्तमान नगर पार्षद राजेंद्र सिंह लोढ़ा का बृहस्पतिवार देर रात सड़क हादसे में निधन हो गया। हादसा रेवाड़ी-धारूहेड़ा रोड पर बालाजी ऑटो मार्केट के पास हुआ, जहां तेज रफ्तार बस और कार की भीषण भिड़ंत हो गई।

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    इस दुर्घटना में कनीना निवासी युवक दीपक गंभीर रूप से घायल हुआ है, जो कार को चला रहा था। जानकारी के अनुसार, दोनों बृहस्पतिवार की रात कार से कनीना लौट रहे थे। धारूहेड़ा रोड पर सामने से आ रही बस ने कार को टक्कर मार दी, जिससे वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि राजेंद्र लोढ़ा कार में ही फंस गए।

    सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को कार से बाहर निकालकर रेवाड़ी ट्रामा सेंटर पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान राजेंद्र लोढ़ा ने दम तोड़ दिया। युवक दीपक का अस्पताल में अभी इलाज जारी है।

    बता दें कि राजेंद्र सिंह लोढ़ा कनीना नगर पालिका के पूर्व प्रधान और वर्तमान में पार्षद थे। वे नपा चेयरमैन रिम्पी लोढ़ा के ससुर भी थे। उनके पिता गणेशी लाल स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके नाम से जीएल पब्लिक स्कूल संचालित होता है। लोढ़ा करीब तीन दशक से अधिक समय तक कनीना की राजनीति का अहम हिस्सा रहे।

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    हादसे के बाद क्षतिग्रस्त हुई कार। जागरण

    बता दें कि शुरुआत में उनका झुकाव चौटाला परिवार की ओर रहा, लेकिन बाद में मतभेद बढ़ने पर उन्होंने इनेलो छोड़ बसपा का दामन थाम लिया। एक मामले में चौटाला सरकार के समय उन्हें भिवानी जेल भेजा गया था, लेकिन कनीना में हुए जबरदस्त विरोध के बाद उनकी रिहाई हुई।

    वर्ष 2000 के निकाय चुनावों के दौरान इसी राजनीतिक तनातनी के बीच कनीना नगर पालिका को भंग कर ग्राम पंचायत का दर्जा दे दिया गया था, जिसके विरुद्ध उन्होंने जनता के साथ मिलकर आंदोलन किया। उन्होंने जाटूसाना विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी के रूप में दो बार चुनाव लड़ा। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए।

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    1995 से सक्रिय राजनीति में रहे लोढ़ा 1996 में निकाय चुनाव के दौरान तत्कालीन एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना को लेकर भी चर्चा में आए थे। उनके निधन से कनीना क्षेत्र में शोक की लहर है।