महाराजा अग्रसेन की जीवनी को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करे सरकार
समावेशी राज व्यवस्था के अग्रदूत प्रजा पालक शासक महाराजा अग्रसेन की जीवनी हरियाणा राज्य के प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर बसपा नेता अतरलाल के नेतृत्व में प्रजा भलाई संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार अटेली राजेश कुमार को ज्ञापन सौंपा।

संवाद सहयोगी, मंडी अटेली: समावेशी राज व्यवस्था के अग्रदूत प्रजा पालक शासक महाराजा अग्रसेन की जीवनी हरियाणा राज्य के प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर बसपा नेता अतरलाल के नेतृत्व में प्रजा भलाई संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार अटेली राजेश कुमार को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन देने से पहले लोगों को संबोधित करते हुए अतरलाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के प्रथम कार्यकाल से पहले अग्रसेन महाराज की जीवनी हरियाणा के प्राथमिक स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल थी। 2014 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने जीवनी को पाठ्यक्रम से हटा दिया। सरकार का यह कदम अनुचित है। इससे सर्व समाज के लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
ज्ञापन में कहा गया है कि महाराज अग्रसेन समतावाद तथा समावेशी विकास के अग्रदूत थे। गरीब हितैषी तथा प्रजा पालक शासक थे। उन्होंने अपने राज्य में हर वर्ग तथा हर समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद की। उन्होंने एक ईंट तथा एक रुपया देने की अवधारणा का अपने राज्य में श्री गणेश किया। ऐसे महान पराक्रमी तथा प्रजा पालक शासक की जीवनी को पाठ्यक्रम से हटाकर सरकार ने सांस्कृतिक विरासत विरोधी युवा विरोधी तथा शिक्षा विरोधी कार्य किया है, उनकी जीवनी को पढ़कर बच्चों में अपने पूर्वजों के प्रति आदर भावना पैदा होती है। इसलिए हमने सरकार से अग्रसेन महाराज की जीवनी पाठ्यक्रम में तत्काल पुन: शामिल करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने जीवनी को दोबारा पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया तो प्रजा भलाई संगठन आंदोलन करने पर मजबूर होगा।
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