कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्रों का कमाल, कबाड़ से तैयार की EV Car; ब्रेक लगने पर भी चार्ज होगी बैटरी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के छात्रों ने एक अनोखी इलेक्ट्रिक कार बनाई है जो कबाड़ से बनी है और ब्रेक लगाने पर बैटरी चार्ज करती है। यह कार बीएलडीसी मोटर तकनीक पर आधारित है और इसे बनाने में सिर्फ 70 हजार रुपये का खर्च आया है। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने खुद इस कार को चलाया और छात्रों की सराहना की।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र। अब कोई भी कार नहीं होगी बेकार, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के विद्यार्थियों की ओर से तैयार तकनीक उसे एक अनोखी और किफायती कार बना देगी। जी हां, इन विद्यार्थियों ने छह माह की मेहनत से एक ऐसी कार तैयार की है, जिसमें बाजार में उपलब्ध सामान्य और सस्ती ब्रश लैस डायरेक्ट करंट मोटर (बीएलडीसी) को बैटरी के जोड़ा गया है।
कार में लगी बैटरी इस मोटर को पावर देगी और यही मोटर कार को चलाएगी। यहीं नहीं भविष्य इस कार की एक खासियत भी है कि यह कार में उपयोग होने वाली मैकेनिकल पावर को रीजनरेट कर इससे बैटरी को चार्ज करेगी, यानि चालक जिस ताकत को ब्रेक लगाने में लगाएगा, इसमें लगी तकनीक उसी ताकत से बैटरी को भी चार्ज करेगी।
इस कार को तैयार करने के लिए विद्यार्थियों ने बाहर से कोई भी नया सामान नहीं खरीद। इसमें उपयोग किए गए ज्यादातर सामान को उन्होंने विभाग की ही मैकेनिकल लैब में स्वयं तैयार किया है। अब इसकी छत पर सोलर फिल्म लगाकर इसके पेटेंट की तैयारी की जा रही है।
एक पुरानी कार का इंजन उतार उसमें लगाया बैटरी सिस्टम
विद्यार्थियों ने इसके लिए एक पुरानी मारुति 800 कार का इंजन उतारकर उसमें बीएलडीसी मोटर को लगाया है। इसमें आधुनिक डिस्पले सिस्टम लगाया गया है जो कार की पूरी कार्यप्रणाली को डिस्पले में दिखाता है। इतना ही नहीं कार की खिड़की खुली है तो यह भी आधुनिक कारों की तर्ज पर डिस्पले में दिखाया जाता है।
ईवी कार में सबसे सस्ती तकनीक है बीएलडीसी
आज कल ज्यादातर ईवी कारों में परमानेंट मैगनेट सिंक्रोनेस मोटर (पीएमएसएम) मोटर इस्तेमाल की जा रही हैं। यह काफी महंगी हैं। यही नहीं टेस्ला कंपनी की कारों में एसआर मोटर उपयोग की जा रही है जो विश्व की महंगी कारों में शामिल है। इनके मुकाबले बीएलडीसी मोटर सस्ती होती है। यह मोटर आम सामान्य बाजार में भी दुकान पर उपलब्ध होती है।
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दो किलोवाट की मोटर से तैयार किया ड्राइव सिस्टम
कुवि इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस इलेक्ट्रिक कार में दो किलोवाट की बीएलडीसी मोटर बेस्ड ड्राइव सिस्टम लगाया गया है। इसी के साथ रीजनरेटीव ब्रेकिंग सिस्टम और 45 वोल्ट 60 एच बैटरी का इस्तेमाल किया गया है।
कार में बैटरी रिजनरेटीव ब्रेकिंग सिस्टम से भी स्वयं चार्ज होती है। यही नहीं कार में एंड्रायड बेस्ड डिजिटल डिस्प्ले व एमआईडी सिस्टम प्रयोग किया गया है। इससे कार की सभी तरह की इंफोर्मेशन डिस्पले पर प्रदर्शित होती हैं। इसके लिए इस्तेमाल होने वाले साफ्टवेयर को भी विद्यार्थियों ने स्वयं ही तैयार किया है।
70 हजार रुपये खर्च से तैयार कार
यह ईवी कार विभाग के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी आयुष आनंद, पुष्पराज आर्य, दीपांशु दहिया और तृतीय वर्ष के छात्र अनिकेत कुमार ने तैयार की है।
इसको तैयार करने में विभाग के सीनियर टेक्नीशियन सुरेश अहलावत का तकनीकी सहयोग रहा है। कार कोे तैयार करने में करीब 70 हजार रुपये का खर्च आया है। यह कार 70 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ सकती है।
कुवि कुलपति ने स्वयं की कार ड्राइव
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने पिछले दिनों स्वयं इस कार को ड्राइव किया। इसके बाद उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि शोध, नवाचार, उद्यमिता एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में कुवि की हमेशा से प्राथमिकता रही है, ताकि विद्यार्थी स्वयं रोजगार प्राप्त कर दूसरों को भी रोजगार प्रदान करें। इस तरह की नई खोज राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी। विद्यार्थियों की यह मेहनत पर्यावरण के संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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