बायपोलर डे पर विशेष : मौसम परिवर्तन बढ़ा देता बायपोलर मानसिक विकार को
अगर आपके आसपास कोई बड़ी-बड़ी बातें कर रहा हो सामर्थ से अधिक है।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र
अगर आपके आसपास कोई बड़ी-बड़ी बातें कर रहा हो, सामर्थ से ज्यादा खर्च, बड़ी उम्र की महिलाओं में ज्यादा मेकअप और पुरुषों में तड़क भड़क वाले कपड़े डालना या रेहड़ी चलाने वाला बड़ा व्यापार छेड़ने की बात कर रहा हो तो ऐसा व्यक्ति बायपोलर रोग की चपेट में हो सकता है। इन दिनों बायपोलर के मरीज तेजी में आ जाते हैं। एलएनजेपी अस्पताल के मनोरोग विभाग में ऐसे मरीज आ रहे हैं। मनोरोग विशेषज्ञ डा. सुरेंद्र मंढान बताते हैं कि मौसम परिवर्तन के दौरान बायपोलर के मरीजों में तेजी आ जाती है। यह अलग-अलग एपिसोड में आता है। यानी अगर तेजी में है तो अति उत्साहित हो जाते हैं। बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। जबकि दूसरा एपिसोड छह माह, एक साल या इससे ज्यादा समय में आ सकता है। इसमें मरीज काफी उदास रहता है। डिप्रेशन में चला जाता है। इसमें मरीज को दवाओं का सेवन जरूरी हो जाता है इससे मरीज को किसी गंभीर स्थिति में जाने से रोका जा सकता है।
केस स्टडी : एक मरीज ने एक लाख कर दिया था दान
एलएनजेपी अस्पताल के मनोरोग विभाग में बायपोलर का एक केस आया था, जिसमें मरीज ने सामर्थ्य से ज्यादा दान कर दिया था। मरीज ने लोगों के लिए भंडारा लगा दिया था और दिल खोलकर दान किया, जबकि उसके पास इतने पैसे थे ही नहीं। इससे पता चलता है कि मरीज तेजी में आ गया है। लेट हो सकता है एपिसोड आने का समय : डा. सुरेंद्र
मनोरोग विशेषज्ञ डा. सुरेंद्र मंढान ने बताया कि इसके होने का आनुवांशिक और वातावरण को उत्तरदायी माना जाता है। ऐसा मस्तिष्क के रसायनों में असंतुलन की वजह से होता है। माहौल को भी इस विकार के लिए उत्तरदायी माना जाता है। परिवार में किसी व्यक्ति की मौत, माता-पिता का तलाक और किसी हादसे की वजह से मरीज काफी गंभीर स्थिति में जा सकता है। गर्मियों में मरीजों में तेजी आ जाते हैं। अगर मरीज दवाओं का सेवन करते रहें तो जो एपिसोड आने का समय है वह काफी लेट हो सकता है। दवा का नियमित रूप से सेवन करने पर गंभीर स्थिति में मरीज को संभाला जा सकता है।
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