हरियाणा के लोगों के लिए जरूरी खबर, तहसीलों में अब होंगी पेपर रहित रजिस्ट्री
कुरुक्षेत्र के बाबैन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश की पहली पेपर रहित रजिस्ट्री का शुभारंभ किया। उन्होंने तहसीलों में पेपरलेस रजिस्ट्री सीमांकन पोर्टल वाट्सएप चैटबॉट और राजस्व न्यायालय मामला प्रबंध प्रणाली को लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। अब रजिस्ट्री का कार्य पूर्णत डिजिटल होगा जिससे नागरिकों को सुविधा मिलेगी और पर्यावरण का संरक्षण होगा।

संवाद सहयोगी, बाबैन (कुरुक्षेत्र)। कुरुक्षेत्र जिले के बाबैन कस्बे की उप तहसील से सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश की पहली पेपर रहित रजिस्ट्री का शुभारंभ किया। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर तहसीलों में पेपरलेस रजिस्ट्री, सीमांकन पोर्टल, वाट्सएप चैटबॉट और राजस्व न्यायालय मामला प्रबंध प्रणाली को प्रदेशभर में लागू किया।
इस अवसर पर उन्होंने राजस्व विभाग की चार नई योजनाओं की पुस्तिका का विमोचन भी किया। पहली पेपर रहित रजिस्ट्री में सुजरी गांव के अंकुश बंसल की हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पेपरलेस रजिस्ट्रेशन के माध्यम से राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ों पर सीधा प्रहार कर रही है। इस प्रणाली से मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम होगा, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।
अब रजिस्ट्री का कार्य पूर्णत: डिजिटल रहेगा, जो मिनिमम गवर्नमेंट-मेक्सिमम गवर्नेंस की नीति का जीवंत उदाहरण है। इस पेपरलेस रजिस्ट्रेशन से पर्यावरण का भी संरक्षण होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भू-रिकार्ड को पूरी तरह डिजिटलाइज करने के लिए सभी तहसीलों में समेकित हरियाणा भू-रिकार्ड सूचना प्रणाली लागू की गई है। सीमांकन पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी भूमि की पैमाइश के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं।
इसमें रोवर और आधुनिक जीपीएस तकनीक का उपयोग हाेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल भूमि संबंधी विवादों का स्थायी और तकनीकी समाधान प्रदान करेगा। नया वाट्सएप चैटबाट राजस्व विभाग से संबंधित सामान्य जानकारी, सेवाओं की स्थिति और आवश्यक दस्तावेजों की सूची 24 घंटे, सातों दिन उपलब्ध कराएगा।
अब हस्ताक्षर और फोटो खिंचवाने ही आना होगा
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की इस पहल से रजिस्ट्री करवाने की जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। अब रजिस्ट्री करवाने में अनावश्यक देरी नहीं होगी, जिससे नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। उन्हें केवल एक बार फोटो खिंचवाने और हस्ताक्षर के लिए तहसील आना होगा। रेवेन्यू कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम से देरी खत्म होगी।
निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को दी सीएलयू देने की शक्तियां
मुख्यमंत्री ने वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं के लिए लाइसेंस और सीएलयू देने के अधिकार मुख्यमंत्री कार्यालय से निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को स्थानांतरित कर दिए हैं। आवेदक अपनी फाइल की स्थिति भी देख सकता है। सभी सीएलयू अब 30 दिनों में आनलाइन हो जाते हैं।
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