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    गोदामों से कौन खा गया एक साल में 12 करोड़ का गेहूं? अधिकारियों में मची खलबली, बड़े गोलमाल की आशंका

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 08:22 PM (IST)

    करनाल में हैफेड के गोदामों से करीब 12 करोड़ रुपये का गेहूं गायब होने का मामला सामने आया है। अधिकारियों का दावा है कि गेहूं को सुरसरी खा गई। हरियाणा सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं जिससे अधिकारियों में खलबली है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि गेहूं सच में सुरसरी खा गई या कोई घोटाला हुआ है।

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    एक साल में 12 करोड़ का गेहूं सुरसरी खा गई या अधिकारी?

    जागरण संवाददाता, करनाल। करनाल में एक साल के अंदर सुरसरी 12 करोड़ रुपये का गेहूं खा गई। ये सुनकर एक दम से अजीब लगता है, लेकिन हैफेड के अधिकारी तो यही दावा कर रहे हैं। इस दावे में कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता लग पाएगा।

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    उधर, इतने बड़े स्तर पर गेहूं के गोलमाल की आशंका के चलते हरियाणा सरकार ने मामले की जांच बैठा दी है। पूरे मामले में करोड़ों रुपये के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। जांच के बाद ही सच सामने आएगा कि गेहूं सुरसरी खा गई है या अधिकारियों ने इसे गायब कर दिया।

    अधिकारियों में मची खलबली

    मामले की जांच शुरू होने से अधिकारियों में खलबली मची हुई है। हैफेड के निसिंग, मंचूरी, असंध, नीलोखेड़ी व नेवल में दो गोदामों में मई 2024 में 227951 एमटी गेहूं का स्टाक लगाया गया था। एक साल बाद जांच में सामने आया कि गोदामों में अब 33780 एमटी गेहूं ही बची है।

    यह गेहूं अब खाने लायक नहीं है, क्योंकि विभाग का दावा है कि इसे सुरसरी चट कर गई है। बोरों में चूरा भरा पड़ा है। पूरा मामला मुख्यालय पहुंच चुका है। इसी मामले में निवर्तमान हैफेड डीएम अमित कुमार का तबादला भी कर दिया गया है। उनकी जगह पर उधम सिंह को फिर से डीएम की कमान सौंपी गई है।

    बता दें कि जब गेहूं का स्टाक लगाया गया तो उधम सिंह डीएम थे। लगभग एक-दो माह बाद उनका तबादला कर अमित कुमार को डीएम लगाया था। बताया जा रहा है कि तब मुख्यालय सौंपी गई जांच रिपोर्ट में स्टाक नियमानुसार था, लेकिन अब तबादले के बाद हुई जांच में गेहूं खराब पाई गई है।

    सवालों के कटघरे में कई जिम्मेदार?

    लोगों का पेट भरने वाले अन्न की इस बेकद्री में कहीं न कहीं जिम्मेदार अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं। सभी गोदामों पर ओरिगो कंपनी देखरेख करती है। इसके साथ ही विभाग के निरीक्षक-मैनेजर की भी ड्यूटी होती है। पूरे स्टाक डीएम की मानिटरिंग में होता है।

    बड़ा सवाल ये उठता है कि एकदम से गेहूं कैसे खराब हो गया। अगर गेहूं में सुरसरी लगी थी तो बचाव के उपाय क्यों नहीं किए गए। क्या सुरसरी करीब दो लाख मीट्रिक टन गेहूं खा सकती है। इस तरह के सवाल जिम्मेदार अधिकारियों को संदेह के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

    यहां लगा था स्टाक

    गोदाम स्टाक
    नेवल-1 31210
    नेवल-2 35411
    मंचूरी 63118
    असंध 49506
    निसिंग 20531
    नीलोखेड़ी 28175

    ये कहते वर्तमान डीएम

    हैफेड के डीएम उधम सिंह का कहना है कि नेवल के ग्रामीणों ने गोदाम से घरों तक सुरसरी आने की शिकायत दी थी। इसके बाद जांच की गई तो सभी गोदामों में करीब 12 करोड़ रुपये का गेहूं खराब-कम पाया गया है। इसकी रिपोर्ट बना कर मुख्यालय भेज दी गई है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। जिसकी भी संलिप्तता होगी, उस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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