भारतीय पत्रकारिता का आधार जहां फाइव डब्ल्यू वन एच, वहीं विदेशी पत्रकारिता का फोर सी
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जागरण संवाददाता, करनाल : हमारे पत्रकारिता के तरीके और विदेशी पत्रकारिता के आधार में खासा अंतर है। हमारे पत्रकार जहां अभी भी फाइव डब्ल्यू वन एच के नियम पर काम करते हैं, वहीं विदेशी पत्रकार रिपोर्टिग करते वक्त फोर सी के नियम पर काम करते हैं। इसी बुनियादी अंतर को मंगलवार को पंडित चिरंजी लाल शर्मा गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में साउथ अफ्रीका के मूल के एवं मराठवाडा यूनिवर्सिटी औरगांबाद के सहायक प्राध्यापक जोशुआ बोएट ने एक्सटेंशन लेक्चर के माध्यम से शेयर किया।
उन्होंने बताया कि विदेशी पत्रकार भारतीय से ज्यादा जिम्मेदारी से काम करते हैं। वहां मानव अधिकार और महिला व बाल इश्यू को लेकर सबसे ज्यादा संवदेनशीलता बरती जाती है। इसके विपरीत भारतीय पत्रकारिता में यह सब्जेक्ट गौण से रहते हैं।
कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा ग्लोबल मीडिया परिदृश्य विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभाग के लगभग सभी विद्यार्थियों ने उत्साह से हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष रश्मि ¨सह ने की। वहीं ¨प्रसिपल डॉ. प्रवीण भारद्वाज विशेष रूप से उपस्थित हुए।
डॉ. भारद्वाज ने एक्सटेंशन लेक्चर के आयोजन के लिए विभाग के सभी प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को बधाई दी। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए विद्यार्थी किताबी ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी दक्षता भी हासिल करें। इस अवसर पर प्रोफेसर दिनेश गुप्ता, डा. अमरदीप व प्रदीप कुमार मौजूद रहे।
संचार कौशल में महारथ के लिए निरंतर अभ्यास जरूरी
प्रो. जोशुआ बोएट ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और विद्यार्थियों का भविष्य भी सुनहरा है। संचार कौशल में महारथ हासिल करने के लिए विद्यार्थी निरंतर अभ्यास करें और खूब अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी देशों की तुलना में भारत में पत्रकारिता की स्थिति काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकारों का दायित्व है कि निर्भय भाव से जनहित की पत्रकारिता करें।
ये है फाइव डब्ल्यू वन एच और फोर सी में अंतर
1. फाइव डब्ल्यू वन एच : यानी कौन, कहा, क्या, कैसे, क्यों, कब और कैसे को ध्यान में रख कर रिपोर्ट करते हैं। यह जानकारी दी जाती है कि कहां क्या हुआ। किसके साथ हुआ, कब और कैसे हुआ।
2. फोर सी : कामन सेंस, कम्युनिकेशन स्किल, कम्युनिकेशन साइंटिस्ट व कम्युनकेशन पर नियंत्रण पर रिपोर्ट करते हैं। इससे पत्रकार की जिम्मेदारी समाज के प्रति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

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